पटना , इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन (आईजेयू) के आह्वान पर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (बीडब्ल्यूजेयू) ने कोरोना काल में जारी पत्रकारों की छंटनी में सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करने और उन्हें काेरोना योद्धा घोषित किए जाने की मांग के समर्थन में आज पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन किया।
बीडब्ल्यूजेयू के महासचिव कमलकांत सहाय ने यहां ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के निकट धरने पर बैठे पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष मार्च में लोगों से पत्रकारों, चिकित्सकों और पुलिसकर्मियों को सहयोग करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इस कारोना महामारी से देश को बाहर निकालने के प्रयास में इन कोरोना योद्धाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने चिकित्सक और पुलिसकर्मियों को तो कोरोना योद्धा घोषित कर दिया लेकिन पत्रकारों को छोड़ दिया।
श्री सहाय ने सरकार से पत्रकारों को भी कारोना योद्धा घोषित कर कोरोना संक्रमण से मौत की स्थिति में उनके परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा समेत अन्य लाभ दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि इस संकट के समय में चिकित्सक और पुलिसकर्मियों को यह लाभ मिल रहा है तो पत्रकारों को इससे वंचित रखने का कोई उचित कारण नहीं है।
बीडब्ल्यूजेयू की अध्यक्ष निवेदिता झा ने कहा कि कोरोना काल में वित्तीय खस्ताहाली का हवाला देकर मीडिया संस्थानों ने सैकड़ो पत्रकारों को नौकरी से निकाल दिया है। ऐसे में सरकार को पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए अविलंब हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बीडब्ल्यूजेयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
धरना प्रदर्शन में वरिष्ठ पत्रकार एवं आईजेयू के राष्ट्रीय सचिव शिवेंद्र नारायण सिंह, आईजेयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य अमर मोहन प्रसाद समेत कई पत्रकार शामिल हुए। ऐसे ही धरना प्रदर्शन का अयोजन दरभंगा, जमुई, समस्तीपुर, बेगूसराय और औरंगाबाद समेत सभी जिले में किया गया और संबंधित जिला अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।