नई दिल्ली , कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच आज शुक्रवार को एक बैठक हुई। बैठक में सरकार ने आज साफ कर दिया कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि अब फैसला सुप्रीम कोर्ट करे तो बेहतर है। वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
बैठक के बाद किसान नेता हनान मुला ने कहा कि हम कानून वापसी के अलावा कुछ और नहीं चाहते। हम कोर्ट नहीं जाएंगे। कानून वापस होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं। हमारे लोकतंत्र में राज्य सभा और लोकसभा से कोई कानून पास होता तो उसका विश्लेषण करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट का है। सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई भी हो रही है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दें तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका। कृषि मंत्री ने कहा कि आज की बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम 15 जनवरी को बैठक के लिए फिर आएंगे। हम कहीं नहीं जा रहे. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संशोधन चाहती है।लेकिन हमारी सिर्फ एक मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले।
सरकार के साथ आज की बैठक में सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए. देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान नेताओं को देशहित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए। बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी। वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं. इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं।