नयी दिल्ली , सरकार ने मातृत्व की आयु, पोषण तथा प्रसूता मृत्यु दर घटाने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता जया जेटली की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय कार्यबल का गठन किया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि यह कार्य बल मातृत्व की आयु , पोषण तथा प्रसूता मृत्यु दर घटाने के उपायों पर विचार करेगा और मौजूदा संबंधित कानूनों में संशोधनों की सिफारिश करेगा। इस कार्यबल को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान इस कार्यबल के गठन की घोषणा की थी। सरकार ने चार जून को इस कार्यबल के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। सरकार के अनुसार इन मुद्दों में बदलाव करने से महिलाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा तथा वह समाज में बेहतर योगदान कर सकेंगी।
नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पाल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव , महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव , उच्च शिक्षा विभाग के सचिव , स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव और विधायी विभाग के सचिव कार्यबल के सदस्य होंगे।इसके अलावा दिल्ली की नजमा अख्तर, महाराष्ट्र की वसुधा कामत और गुजरात की दीप्ती शाह कार्यबल की सदस्य बनायी गयीं हैं। कार्यबल अपनी जरूरत के अनुसार अन्य विशेषज्ञों और समाज के अन्य प्रतिष्ठित लोगों को विचार विमर्श करने के लिए आमंत्रित कर सकेगा। नीति आयोग कार्यबल को कार्यालय संबंधी सहयोग देगा।
कार्यबल अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय विवाह की आयु , मातृत्व की आयु , महिलाओं के स्वास्थ्य की स्थिति, गर्भावस्था के दौरान माता और शिशु की पोषण स्थिति, जन्म , शिशु मृत्यु दर, मृत्यु दर, प्रसूता मृत्यु दर और लिंग अनुपात जैसे पहलुओं को ध्यान में रखेगा।
यह उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी बढाने के उपाय भी सुझायेगा।
अपनी सिफारिशों को लागू करने के लिए कार्यबल मौजूदा कानूनों में संशोधन सुझाएगा या नया कानून बनाने की सलाह देगा।