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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा,यूपी में पर्यटन की असीम हैं सम्भावनाएं

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य में पर्यटन की असीम हैं सम्भावनाएं और इसके लिये पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है।

श्रीमती पटेल ने शुक्रवार को यहां पर्यटन स्थल एवं पर्यटन सर्किट के विकास योजनाओं के प्रस्तुतीकरण के लिये आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन की असीम हैं सम्भावनाएं है और पर्यटन स्थलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन निगम अपने पर्यटक आवासों को सुदृृढ़ करें ताकि वहां रूकने वाले पर्यटक गर्व महसूस करें।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में 47 लाख विदेशी पर्यटक उत्तर प्रदेश में आये थे। प्रयास है कि यहां एक करोड़ विदेशी पर्यटकों आये। धार्मिक पर्यटन स्थलों पर वृद्धों के आने-जाने की सुविधा के लिए ई-रिक्शा या बैट्री चालित वाहन की व्यवस्था की जाये, जिससे उन्हें ज्यादा दूर तक पैदल न चलना पड़े। उन्होंने कहा कि मथुरा के गोवर्द्धन परिक्रमा स्थल पर वृद्धों के लिए गोल्फ कार्ट व ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध कराई जाये।

राज्यपाल ने कहा कि वाराणसी के घाटों की सीढ़ियों के स्टेप ऊंचे हैं, जिससे वृद्धों को नदी स्नान में कठिनाई होती है। इनके लिए वहां रैम्प की व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। नदी में नावों से घूमने वालों को घाटों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है कि वे किस घाट पर खड़े हैं। इसके लिये वहां घाटों के नाम लिखें। ग्लोसाइन बोर्ड की व्यवस्था पर विचार करें ताकि नावों से भ्रमण करने वाले देशी-विदेशी पर्यटक नदी में से ही घाटों के बारे में आसानी से जान सकें। उन्होंने कहा कि नाविकों को एक गाइड की भूमिका में प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि वाराणसी के घाटों पर आरती अलग-अलग समय पर न हो। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय की प्रत्येक घाट पर गंगा आरती का समय एक हो, इससे वहां का दृश्य और भव्य एवं मनोरम लगेगा।

राज्यपाल ने सुझाव दिया कि आगरा के दयालबाग रोड को चौड़ा किया जाय, जिससे आवागमन सुगम हो। दयालबाग के आसपास के अतिक्रमण को हटायें और इसको आध्यात्मिक पर्यटन सर्किट में रखें। उन्होंने कहा कि आगरा में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय कि उनको दयालबाग के राधास्वामी मन्दिर भी जाने का अवसर मिले ताकि वे वहां की भव्यता और खूबसूरत नक्काशी (चित्रकारी) को भी देख सकें। इससे राधा स्वामी मंदिर को भी विश्व पर्यटन मानचित्र पर उचित स्थान मिल सकेगा।