नई दिल्ली, कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज के इलाज की दिशा में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कोविड-19 से मामूली और मध्यम रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिरविर अब बाजार मे उपलब्ध होगी।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने अपने एक बयान में बताया कि कंपनी ने कोरोना वायरस के पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फेबीफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। कंपनी ने बताया कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिरविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है।
ग्लेमार्क फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, यह खाने वाली दवा है और इलाज का सुविधाजनक विकल्प है। उन्होने बताया कि कंपनी सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देश में मरीजों को आसानी से ये दवा मिल सके।
फैबिफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए भारत में पहली मौखिक फेविपिरविर अनुमोदित दवा है। इसकी सिफारिश पहले दिन में 1,800 मिलीग्राम दो बार और उसके बाद रोजाना 14 दिनों तक 800 मिलीग्राम दो बार की गई है।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि यह दवा लगभग 103 रुपये प्रति टैबलेट की दर से बाजार में उपलब्ध होगी। दवा 34 टैबलेट की स्ट्रिप के लिए 3,500 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 200 मिलीग्राम टैबलेट के रूप में उपलब्ध होगी।
यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।