भोपाल, मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में खादी-ग्रामोद्योग, रेशम, हस्त-शिल्प और हाथकरघा की गतिविधियों से जोड़कर 7 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार आदिवासी उप-योजना मद में कुटीर एवं ग्रामोद्योग की गतिविधियों में 13 करोड़ 11 लाख रुपये की राशि खर्च की गई, जिससे 127 हितग्राहियों को स्व-रोजगार से जुड़ी विधाओं में प्रशिक्षण दिलाया गया। खादी एवं ग्रामोद्योग द्वारा आदिवासी वर्ग के करीब 600 कारीगरों और शिल्पियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये बैंक से ऋण दिलाये गये।
आदिवासी उप-योजना से लाभान्वित हितग्राहियों को मार्जिन मनी की राशि 4 करोड़ 61 लाख रुपये राज्य सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराई गई। हस्त शिल्प विकास निगम द्वारा 16 आदिवासी जिलों में 825 शिल्पियों और बुनकरों को प्रशिक्षण दिलवाया गया। इसी दौरान आदिवासी क्षेत्र में टसर रेशम विकास और विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत 4 करोड़ 21 लाख रुपये की राशि खर्च कर 4 हजार 228 हितग्राहियों को प्रशिक्षण देकर रेशम पालन की गतिविधियों से जोड़ा गया है।