हालांकि, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की वजह से अक्टूबर में जीएसटी संग्रह का आंकड़ा बेहतर रहेगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम ने कहा कि कंपनी कर की दर में कटौती से निवेश बढ़ेगा और इसके परिणामस्वरूप जीएसटी संग्रह का लक्ष्य हासिल होना चाहिए।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह बेहतर होगा।
नयी दिल्ली, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2019 में घटकर 91,916 करोड़ रुपये रह गया।
यह अगस्त की तुलना में 6,286 करोड़ रुपये कम है।
अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपये रहा था।
जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
जीएसटी संग्रह में कमी से अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत मिलता है।
उपभोक्ता मांग घटने की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ी है।
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पिछले 19 माह में यह सबसे कम संग्रह रहा है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यह लगातार दूसरा महीना है जबकि जीएसटी संग्रह घटा है।
एक साल पहले इसी महीने (सितंबर, 2018) में जीएसटी संग्रह 94,442 करोड़ रुपये रहा था।
जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
विभिन्न केंद्रीय और राज्य कर मसलन उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट इसमें समाहित हो गए थे।
जीएसटी संग्रह आर्थिक गतिविधियों का संकेतक है। इसमें कमी का मतलब अर्थव्यवस्था का सुस्त होना है।
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हालांकि, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने की वजह से अक्टूबर में जीएसटी संग्रह का आंकड़ा बेहतर रहेगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम ने कहा कि कंपनी कर की दर में कटौती से निवेश बढ़ेगा और इसके परिणामस्वरूप जीएसटी संग्रह का लक्ष्य हासिल होना चाहिए।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह बेहतर होगा।
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यह पूछे जाने पर कि सरकार कंपनी कर में कटौती के कारण 1.45 लाख करोड़ रुपये के राजस्व में कमी की भरपाई कैसे करेगी,
उन्होंने कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिये विनिवेश समेत राजस्व के अन्य स्रोतों पर जोर होगा।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सितंबर में सकल जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये रहा।
इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का हिस्सा 16,630 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का 22,598 करोड़ रुपये,
एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का हिस्सा 45,069 करोड़ रुपये और उपकर का हिस्सा 7,620 करोड़ रुपये रहा।’’
बयान के अनुसार सितंबर में राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जुटाए गए राजस्व की तुलना में 2.67 प्रतिशत कम रहा।
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देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत यानी छह साल के निचले स्तर पर
आ गई है। इस वजह से सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इन्हीं कदमों के तहत कॉरपोरेट कर की दर में भारी कटौती की गई है। इस कटौती का प्रभाव 1.45 लाख करोड़ रुपये रहेगा।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की छह माह की अवधि में जीएसटी संग्रह 6.06 लाख करोड़ रुपये रहा है।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.78 लाख करोड़ रुपये रहा था।
ईवाई इंडिया के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा, ‘‘हालिया घोषित राजकोषीय और आर्थिक उपायों के साथ आगामी त्योहारी सीजन के
मद्देनजर मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह बढ़ेगा।
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राजस्व विभाग द्वारा कर चोरी रोकने के कड़े कदमों और आडिट से भी संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अगस्त माह के लिए कुल 75.94 लाख रिटर्न दाखिल किए गए हैं।
बयान में कहा गया है कि सरकार ने नियमित निपटान के तहत माह के दौरान आईजीएसटी से 21,131 करोड़ रुपये के सीजीएसटी और
15,121 करोड़ रुपये के एसजीएसटी का निपटान किया।