कानपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भीष्म प्रतिज्ञा सुनकर पुलिस अफसरों के होश उड़ गये। साथ ही इस बात का एहसास भी हुआ कि शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों को लेकर मुख्यमंत्री के दिल मे उनके परिवारों के प्रति कितनी संवेदना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी उच्च अधिकारी कानपुर से तभी वापस जाएंगे जब तक यह टीम अपराधी विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धराशाई नहीं कर देती है। सभी लोग तब तक कानपुर में कैंप करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव दबिश देने के दौरान शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों के पार्थिव शरीर पर पुलिस लाइन पहुंचकर पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
श्री योगी ने कहा कि शहीद सभी आठ पुलिस जवान के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही शहीदों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी और आश्रित को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि पुलिस जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
उन्होने कहा कि जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है, उन्हें कानून के दायरे में कठोर से कठोर सजा दी जाएगी। किसी भी कीमत पर अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गईं हैं, जो छापेमारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि सभी उच्च अधिकारी कानपुर से तभी वापस जाएंगे जब तक यह टीम अपराधी विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धराशाई नहीं कर देती है। सभी लोग तब तक कानपुर में कैंप करें। उन्होंने कानपुर के प्राइवेट अस्पताल रीजेंसी में चल रहे घायल पुलिसकर्मियों से भी भेंट की और उनके परिजनों से बातचीत की। पुलिसकर्मियों को उनकी बहादुरी पर सराहा तथा हौसला भी बढ़ाया। उनके साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी थे।
चौबेपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को गुरुवार की आधी रात पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं जिसमें क्षेत्राधिकारी बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए। हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं,जिन्हें कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।