प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को पूर्व सांसद धनंजय सिंह द्वारा अपने आपराधिक इतिहास को लेकर दिये गये तथ्यों की सत्यता का पता लगाकर 15 जुलाई को न्यायालय को बताने का आदेश दिया है।
धनंजय सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि उसके खिलाफ 38 आपराधिक केस दर्ज है , जिसमे से 24 मे वह बरी हो चुका है। एक में डिस्चार्ज हुआ है। चार में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है और तीन केस वापस ले लिये गये हैं। अब केवल पांच आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। प्रश्नगत मामला धमकी गाली गलौज का है। उसे जमानत पर रिहा किया जाय। न्यायालय ने सरकार से याची द्वारा बताये इन तथ्यों की सत्यता की जानकारी मांगी है। न्यायालय मामले पर 15 जुलाई को सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति डी के सिंह ने धनंजय सिंह की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
गौरतलब है कि अभिनव सिंह ने जौनपुर के लाइन बाजार थाने में 10 मई 2020 को एक एफआईआर दर्ज करायी । जिसमे याची के खिलाफ पिस्टल लेकर धमकी और गाली देने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसे फोन पर धमकी दी जा रही थी । वह एस टी पी साइट पर था । विक्रम सिंह साथियों के साथ गाडी लेकर आये और उसे जबरन धनंजय सिंह के घर ले गये। वह अपने आदमियो से मटीरियल सप्लाई कराना चाहते हैं। जे ई से घटिया बालू व मटीरियल एस टी पी मे लगाने का आरोप लगवाया और वापस छोड दिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि क्वालिटी वर्क किया जायेगा।
जानमाल की हिफाजत के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। सत्र न्यायालय ने जे ई द्वारा घटना की पुष्टि के आधार पर जमानत अर्जी खारिज कर दी है। जिसके बाद उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई है।