प्रयागराज, प्रदेश के सैकड़ों हेडकांस्टेबलों को पदावनत कर पीएसी में भेजे जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। सैकड़ों हेडकांस्टेबलों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस महकमे के फैसले को चुनौती दी है। इन याचिकाओं पर 28 सितंबर सोमवार को सुनवाई होनी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने पारस नाथ पांडेय समेत सैकड़ों हेड कांस्टेबलों की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुनकर दिया है। याचिका में नौ सितम्बर व 10 सितम्बर 2020 को जारी डीआईजी स्थापना व अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू के आदेशों को चुनौती दी गई है। इन आदेशों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 890 हेड कांस्टेबलों को पदावनत (रिवर्ट) कर कांस्टेबल बना दिया गया है और उन्हें पीएसी में स्थानांतरित कर दिया गया है।
याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने कोर्ट से पदावनत आदेश पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कहा कि हेड कांस्टेबलों इतने बड़े स्तर पर पदावनत उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बगैर करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है। यह भी कहा कि याचियों को 20 वर्ष के बाद सिविल पुलिस से पीएसी में वापस भेजना शासनादेशों के विरुद्ध है।
प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने इस मामले में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए कोर्ट से तीन दिन का समय मांगा। कोर्ट ने उन्हें समय देते हुए इस मामले में सोमवार को सुनवाई करने को कहा है।