Breaking News

अदालत में हत्या पर हाईकोर्ट केतेवर सख्त, लिया ये कड़ा एक्शन

प्रयागराज,  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिजनौर की सीजेएम अदालत में हत्या के आरोपी की हत्या के मामले को गंभीरता से स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक को 20 दिसम्बर को अदालत हाजिर होने का निर्देश दिया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अधीनस्थ अदालत की सुरक्षा के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने जिला न्यायाधीश की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए दिया है। न्यायालय ने कहा है कि मुजफ्फरनगर, आगरा के बाद प्रदेश में की यह तीसरी घटना हैए जब अपराधियों ने अदालत में घुस कर जेल से पेशी पर लाये गये अभियुक्त की हत्या की गयी।

इस घटना से अदालतों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिला न्यायाधीश की रिपोर्ट पर मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने विशेष खंडपीठ गठित की। जिला अदालतों की सुरक्षा को लेकर अदालतों ने कई सुझाव दिए हैं।

हाईकोर्ट का कहना है कि प्रत्येक जिले की अदालतों में एडवोकेट रोल का निर्माण किया जाए और सभी अधिवक्ताओं को परिचय पत्र जारी किया जाए। वादकारियों को भी प्रवेश के लिए पास जारी किए जाएं। अधिवक्ता परिचय पत्र अपने
साथ रखें और सुरक्षा कर्मी द्वारा मांगे जाने पर दिखाएं। क्योंकि यह व्यवस्था उनकी सुरक्षा के लिए है।

न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि अदालतों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित स्पेशल फोर्स का गठन करें और उन्हें उच्च न्यायालय सहित जिला अदालतों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाए । साथ ही अभियुक्तों की अदालत में सुरक्षित प्रवेश की व्यवस्था की जाय।

न्यायालय ने महानिबंधक को कहा है कि वह सभी जिला बार संगठनों को जिला न्यायाधीश के मार्फत आदेश की सूचना भेजें। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और बार एसोसिएशन इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ बेंच बार एसोसिएशन को
भी इसकी जानकारी दी जाए। न्यायालय ने सभी बार संगठनों सहित बार काउंसिल से सुरक्षा व्यवस्था के मामले में
सुझाव मांगे हैं। न्यायालय ने कहा है कि वह अपना प्रतिनिधि सुनवाई के दौरान अदालत में भेजे।
गौरतलब है कि 17 दिसम्बर को दोपहर करीब दो बजे असलहे से लैस तीन बदमाश सीजेएम बिजनौर की अदालत में घुसे और हत्या के दो आरोपियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी एजिसमें पेशी पर आये एक अभियुक्त की मृत्यु हो गई और मौके का फायदा उठाकर एक फरार हो गया। कोर्ट मोहर्रिर व अन्य लोग घायल हो गए। सीजेएम ने किसी तरह से जान बचाई। इससे अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई।
न्यायालय ने राज्य सरकार को अदालतों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने का भी आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 20 दिसम्बर को होगी।