वकीलों के गलत आचरण पर हाईकोर्ट सख्त, दिया ये अहम आदेश,
March 3, 2020
लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक अहम आदेश देते हुए वकीलों के गलत आचरण एवं कार्यशैली पर कई प्रश्न उठाए है ।
अदालत ने वकीलों द्वारा मनीलांनड्रिंग ,ठेकेदारी,बिल्डर,जमीन के कारोबार पर सख्त कदम उठाने के बावत आवश्यक दिशा निर्देश तय करने को कहा है । पीठ ने यह भी कहा कि वकालत जैसे नोबल प्रोफेशन में वकीलों द्वारा मारपीट एवं गोली बम चलाना बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है ।
न्यायमूर्ति अनिल कुमार व न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने जिला अदालत लखनऊ में पिछले माह 13 फरवरी को वकीलों के दो गुटों में हुए मारपीट व बवाल की घटना की बावत पूरे मामले को लेकर जनहित याचिका दर्ज करते हुए उचित पीठ के सामने भेजने के आदेश दिए है । अदालत ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए है कि इस मामले में मुख्य न्यायमूर्ति से इजाजत लेकर इसे सुनवाई के लिए समुचित पीठ को भेजे ।
अदालत ने लखनऊ जिला अदालत में हुए गोली व बम कांड को जनहित याचिका के रूप में तब्दील करते पूरे प्रदेश के वकीलों के मामले में उचित दिशा निर्देश तय करने को कहा है । पीठ ने कहा कि जनहित याचिका दर्ज कर छह बिन्दुओं पर गाइडलाइन तय करने को भी कहा है ।
मूल बिन्दुओं में पहला जब कोई वकील बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराता है तब वह शपथपत्र देता है कि उसके खिलाफ कोई क्रिमनल केस विचाराधीन नहीं है । बाद में जब वह किसी अपराध में शामिल हो जाता है या सजा याफ्ता हो जाता है । ऐसे में वह वकालत जैसे गरिमापूर्ण पेशे को कर सकता है या नहीं ।
2़ क्या जब कोई वकील मुद्दई या खिलाफ पार्टी बन जाता है तब क्या होगा ।
3़ जब कोई वकील किसी न्यायाधीश या पीठासीन अधिकारी के सामने गलत आचरण करता है तब अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट या हाईकोर्ट को उपयुक्त कारवाही के लिये भेज सकता है ।
4़ जब कोई वकील अगर किसी से जमींन हड़पता है या घर कब्जा करता है मनीलांनड्रिंग का कारोबार करता है और बाद में उस मुआकिल को अदालत में परेशान करता है तो क्या करवाई होगी ।
5़ जब कोई वकील अदालत परिसर में असलहा लाता है तो उसे जमा कर उसी वक्त असलहे को निस्तनामुद कर दिया जायगा और उसके लाइसेंस को रद्द करने की कारवाई की जाएगी तथा छठे बिन्दु में कोई अन्य नियमावली जो अदालत के शांतिपूर्ण काम मे सहायक हो वह भी बनाई जाएगी ।
अदालत ने कहा कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित है इसमें यह कहना जरूरी है कि बार काउंसिल देखे और यह नियम कायदे तय करे कि यह वकील प्रेक्टिस के अलवा किसी अन्य व्यवसाय जैसे मनीलांनड्रिंग, ठेकेदारी , बिल्डर ,जमीन आदि के कार्य मे लिप्त है या नहीं ।