प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव की जमानत अर्जी पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है और अधूरी जानकारी देने पर अदालत ने अतिरिक्त समय दिया है।
न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने यह आदेश दिया है। उमाकांत यादव के खिलाफ जीआरपी पुलिस ने जौनपुर के शाहगंज थाने में चार फरवरी 1995 को रेलवे स्टेशन पर फायरिंग कर अफरा-तफरी फैलाने,पुलिस की हत्या करने, सरकारी शस्त्र की लूट करने जैसे गंभीर आरोपों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में विशेष न्यायाधीश एम पी/ एम एल ए प्रयागराज में आपराधिक मुकदमा चल रहा है । याची को जमानत मिली थी , लेकिन निर्धारित तिथि पर बार-बार अदालत में हाजिर न/न होने पर विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी निरस्त कर दी। जिस पर उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी दी गई है। अर्जी की सुनवाई 27 मई को होगी ।
गौरतलब है कि चार फरवरी 1995 को शाहगंज रेलवे स्टेशन मास्टर कार्यालय के सामने बेंच पर उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार बैठा था। उसी समय एक अन्य व्यक्ति बैठने लगा तो आपस में कहा सुनी हो गई और मारपीट की नौबत आ गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को पुलिस चौकी पर बैठा लिया और पूछताछ कर ही रहे थे कि सूचना पाकर उमाकांत यादव साथियों के साथ मय असलहा रेलवे प्लेटफार्म पर आए और फायरिंग करने लगे। जिससे अफरातफरी मच गई। भगदड़ के बीच फायरिंग से कांस्टेबल अजय सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। कांस्टेबल लंल्लन सिंह के अलावा कई रेलकर्मी भी फायरिंग में घायल हुए और उमाकांत साथियों सहित ड्राइवर राजकुमार को पुलिस चौकी से छुड़ा कर ले गए थे।
सरकारी असलहा भी लूटने का प्रयास किया। जिसको लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई । विशेष न्यायाधीश के समक्ष अपराधिक मामले की सुनवाई चल रही है। अर्जी की सुनवाई 27 मई को होगी ।