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सामान्य जीवन जीने के लिये किडनी कितनी जरूरी ? बरतें ये खास सावधानी?

नयी दिल्ली, विश्व किडनी दिवस प्रतिवर्ष मार्च माह के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है। यह विश्वभर में किडनी रोग और उससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करने के लिए स्वास्थ्य में किडनी के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक जागरूकता अभियान है। विश्व में दस व्यक्तियों में से एक व्यक्ति किडनी रोग से प्रभावित है।

इसबार, 12 मार्च को विश्व किडनी दिवस है। वर्ल्ड किडनी डे पर आईये किडनी के बारे मे जानेंकुछ खास बातें।

सामान्य जीवन जीने के लिये किडनी अति आवश्यक है। इसीलिये हर इंसान के शरीर में दो गुर्दे अथवा किडनी होती हैं, यह तो सर्वविदित तथ्य है और यह भी सभी जानते हैं कि इंसान एक किडनी के सहारे भी सामान्य जीवन जी सकता है ।

यही वजह है कि लोग कई बार अपनी एक किडनी दान भी कर देते हैं, लेकिन जरा उन लोगों के बारे में सोचिए जो एक ही किडनी के साथ पैदा हुए हैं। इससे भी अधिक विचित्र बात है कि कुछ लोग तीन किडनी के साथ और कुछ बिना किडनी के भी पैदा होते हैं।

एक किडनी वालों को रेनल एजेनेसिस कहते हैं, और तीन किडनी की स्थिति को सुपरन्युमरी किडनी कहते हैं।

विशेषज्ञ बतातें हैं कि व्यक्ति का एक किडनी के साथ जन्म लेना असामान्य नहीं है और ऐसे लोग एक किडनी के साथ एकदम सामान्य और स्वस्थ ज़िन्दगी गुजार सकते है। प्रति एक हजार बच्चों में किसी एक का जन्म एक किडनी के साथ होता है।

इन दोनों परिस्थितियों में जीवन अकसर इतना सामान्य होता है कि अमूमन लोगों को पता ही नहीं चलता। किसी दुर्घटनावश, बीमारी और महिलाओं के मामले में गर्भावस्था में जांच के दौरान उन्हें अपनी स्थिति के बारे में मालूम होता है। कई बार बच्चा किसी विकार के चलते बिना किडनी के भी पैदा होता है, लेकिन प्रति तीन हजार में ऐसे बच्चों की संख्या एक होती है और ऐसे बच्चे या तो मृत पैदा होते हैं और या फिर जन्म के कुछ ही घंटों तक जीवित रहते हैं।

वैसे दो किडनी वाले सामान्य लोगों को भी किडनी के स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना चाहिए, लेकिन एक किडनी के साथ पैदा होने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को दर्दनिवारक दवाएं खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा किसी भी एंटी बायोटिक दवा का सेवन केवल अपने डॉक्टर के निर्देश पर ही करें। ब्लड प्रेशर की स्थिति में अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि रक्तचाप सामान्य न होने पर रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं, जिससे किडनी की नियमित प्रक्रिया पर असर पड़ता है।

उन्होंने बताया कि डायबिटीज उन तमाम रोगों में से एक है जिसका सबसे ज्यादा असर किडनी के संचालन पर पड़ता है और यहाँ तक कि किडनी ट्रांसप्लांट के बहुत से मामलों में मूल बीमारी डायबिटीज ही होती है। शुगर का कम ज्यादा होना सीधे किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। एक किडनी के साथ पैदा होने वाले बच्चों के माता पिता को विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है।