गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल की आदत से ऐसे मिलेगा छुटकारा ?

नयी दिल्ली, भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि गेंद पर मुंह की लार का इस्तेमाल करने की आदत से छुटकारा पाने के लिए उन्हें अभ्यास करना होगा।

क्रिकेट में गेंद पर चमक लाने के लिए लार का इस्तेमाल करना दशकों पुरानी परंपरा है लेकिन मुंह से होने वाले बीमारी कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तकनीकी समिति ने गेंद पर लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। तकनीकी समिति के अध्यक्ष भारत के पूर्व लेग स्पिनर और कप्तान अनिल कुंबले हैं।

आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज अश्विन ने अपनी टीम के इंस्टाग्राम लाइव सत्र में कहा, “मेरे लिए एक गेंदबाज के रूप में गेंद पर लार लगाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इससे बचने के लिए मुझे अभ्यास करना होगा ताकि यह आदत छूट सके।”

33 वर्षीय अश्विन ने कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया में गेंदबाज अब विकेट लेने के बाद उस अंदाज में टीम साथियों के साथ जश्न नहीं मना पाएंगे जैसे पहले मनाया करते थे। उन्होंने कहा कि 70-80 के दशक में विकेट गिरने के बाद फील्डर अपनी जगह खड़े रहकर तालियां बजाते थे और वहीं से गेंदबाज को शाबाशी देते थे।

अश्विन ने कहा कि विकेट गिरने के बाद गेंदबाज को पास आकर गले लगाना और सभी खिलाड़ियों का एक जगह इकट्ठा हो जाना यह तो हाल की बातें हैं। हालांकि नए हालत से अभ्यस्त होने में समय लगेगा लेकिन सभी को हालात को स्वीकार करना होगा।

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