हाथरस,पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस की एक 20 वर्षीय महिला उसके गांव के ही चार लोगों द्वारा कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और बेरहमी से पिटाई के बाद एक सरकारी अस्पताल की आईसीयू में उसके मौत से लड़ रही है. महिला अनुसूचित जाति समुदाय से है, जबकि सभी चार आरोपी एक तथाकथित उच्च जाति से हैं.
गैंगरेप की घटना के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के 9 दिन बाद होश में आने बाद 19 वर्षीय दलित किशोरी ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में पूरी घटना का जिक्र किया। इसके बाद गांव के ही रहने वाले आरोपियों की पहचान हो गई। कुछ आरोपी पहले ही अरेस्ट हो चुके थे, चौथे को 26 सितंबर की शाम को अरेस्ट किया गया।
आरोपियों की पहचान गांव के ही रहने वाले संदीप, लवकुश, रामू और रवि के रूप में हुई थी। हाथरस पुलिस अधीक्षक ने बताया कि संदीप को 14 सितंबर को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। घटना के कई दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने रामू और लवकुश को गिरफ्तार किया। वहीं फरार चल रहे चौथे आरोपी रवि को 26 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया गया है।
हाथरस के थाना चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को चार दबंग युवकों ने 19 साल की दलित लड़की के साथ बाजरे के खेत में गैंगरेप किया था। इस मामले में पुलिस ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया। रेप की धाराओं में केस ना दर्ज करते हुए छेड़खानी के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया। इसके बाद उसके खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) में मुकदमा दर्ज किया गया था।
घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद पीड़िता होश में आई तो अपने साथ हुई आपबीती अपने परिजनों को बताई। जब पीड़िता का डॉक्टरी परीक्षण हुआ तो इसमें गैंगरेप की पुष्टि होने के बाद हाथरस पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़िता के परिजनों ने बातचीत के दौरान बताया कि थाना चंदपा इलाके के इस गांव की जनसंख्या 450 के करीब है। इसमें 150 ठाकुर समाज के लोग और 150 के करीब ब्राह्मण समाज के लोग हैं। वहीं 150 के करीब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। परिजनों का कहना है कि गांव के अंदर ठाकुरों की दबंगई है।
हैवानों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता की जीभ भी काट दी थी। मेडिकल परीक्षण में पता चला कि युवकों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता की रीढ़ की हड्डी को तोड़ डाला था। गैंगरेप की घटना को अंजाम देते वक्त चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंची मां को देखने के बाद आरोपी युवक फरार हो गए थे। पीड़िता की हालत नाजुक होने पर इलाज के लिए उसे परिजन जिला अस्पताल ले गए थे। डॉक्टरों ने पीड़िता की गंभीर हालत देखते हुए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।
जेएन मेडिकल के डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता के दोनों हाथ और दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। अब दलित लड़की की हालत बेहद ही नाजुक बनी हुई है। जेएन मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वेंटिलेटर पर वह जिंदगी की जंग लड़ रही है।