वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्यमियों से आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर गरीब बच्चों की मदद करने का आह्वान किया।
श्रीमती पटेल ने अपने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को यहां सर्किट हाउस सभागार में साड़ी उद्योग और सुक्ष्म, लधु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) से जुड़े उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्हें समाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर भाग लेने की अपील की। राज्यपाल ने उद्यमियों से आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहां पर बच्चों के बैठने के लिए टेबल, बेंच, किताबें एवं खिलौना आदि की उपलब्धता करने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक पूरे विश्व को टीवी से मुक्त करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मोदी का मनाना है कि तब तक हमारे कितने बच्चों की मौत हो जाएगी और इसलिए उन्होंने भारत को वर्ष 2025 तक पूरी तरह टीवी मुक्त करने का संकल्प लिया है। उम्मीद है कि चिकित्सा व्यवस्था एवं लोगों के सहयोग से निर्धारित समय पर भारत को टीबी मुक्त हो जाएगा।
राज्यपाल ने उद्यमियों से कहा कि कोरोना काल में लोगों का सहयोग करने के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया गया था लेकिन भारत की संस्कृति के अनुरूप लोग स्वयं आगे आकर लोगों का हर स्तर पर सहयोग किया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा और पूरे विश्व में हम इस मामले में सबसे अग्रणी रहे।
उन्होंने कहा कि नन्हे-मुन्ने बच्चे देश के भविष्य हैं और जब वही कुपोषित होगे तो भारत का भविष्य कैसे बनेगा। सरकार अपने स्तर पर हर क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास कर रही है,लेकिन इस कार्य में समाज के उद्यमियों एवं प्रबुद्ध जनों को भी बढ़ चढ़कर आगे आकर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना होगा।
श्रीमती पटेल ने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की बात सामने आने पर कई स्वयंसेव संस्थाओं ने आगे आकर इस कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और वर्तमान समय में शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण हो गया।
उन्होंने उद्यमियों से जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से संपर्क कर टीबी के शिकार बच्चों को गोद लेकर उनकी देखरेख तथा पौष्टिक आहार उपलब्ध कराये जाने पर जोर दिया। बच्चों को घरों में ही कैद नहीं किया जाए बल्कि उन्हें स्कूलों में भी भेजा जाये जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधियां किसी भी दशा में प्रभावित न हो।
राज्यपाल ने कहा कि भारत के 20 फ़ीसदी टीबी ग्रसित बच्चे उत्तर प्रदेश में है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को चिन्हित करके यदि उन्हें समय से अस्पताल पहुंचाने और उनकी देखरेख करने से पांच से छह माह के अंदर वे टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि टीबी के मरीजों को घर-घर जाकर चयनित करने का प्रदेश सरकार ने अभियान चलाया है।
इस मौके पर प्रदेश के लघु एवं सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने भी उद्यमियों से टीबी से ग्रसित बच्चों और आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मां संस्कारी एवं सुशील होगी तो बच्चे भी वैसे ही होंगे और देश भी सशक्त होगा।
उद्यमियों ने राज्यपाल से टीबी के शिकार बच्चों के अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों को उनकी भावनाओं के अनुरूप गोद लेकर समुचित सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। बनारसी साड़ी के निर्माता सर्वेश श्रीवास्तव ने अपने आय का 10 फ़ीसदी धनराशि बीमार बच्चों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के सहायतार्थ उपलब्ध कराये का अश्वासन दिया।
श्री श्रीवास्तव ने राम मंदिर की कलाकृति बनी साड़ी भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेंट की।