नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जाने माने टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि इस घटना में शिवसेना के कंधे पर कांग्रेस का हाथ है और उसने प्रेस के साथ साथ न्यायपालिका को भी शिकार बनाया है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अर्नब गोस्वामी जी के साथ आज जो हुआ है, ये पत्रकारिता जगत के लिए एक काला दिन है। उनके बेटे के ऊपर अटैक करना, उनके घर से उनको घसीट कर ले जाना और वह भी एक ऐसे केस में जो 2018 में बंद हो गया था। अगर आज हम एकजुट नहीं होंगे तो कल बारी हम सबकी है।”
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, “मुसोलिनी के दाहिने हाथ रह चुके पिता की पुत्री आज जिस प्रकार भारत मे माफियाराज स्थापित कर रही है ये आप सबके सामने है।” उन्होंने कहा कि सिर्फ किसी एक चैनल के नहीं, बल्कि सभी चैनलों के अधिकार के लिए आज हम आवाज उठा रहे हैं। मां-बेटे की माफिया सरकार ने सिर्फ प्रेस के ऊपर ही आघात नहीं किया, बल्कि जब इनके पक्ष में फैसला नहीं आता तो ये मुख्य न्यायाधीश को भी नहीं छोड़ते।
उन्होंने कहा, “कंधा तो शिवसेना का है, मगर वो बंदूक, बारूद और सारा कुछ, उन मां-बेटे का है जो हिंदुस्तान में लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इस समय हम कोविड वैश्विक महामारी से लड़ रहे हैं, महाराष्ट्र सरकार उन विभिन्न चैनलों के पत्रकारों को गिरफ़्तार कर रही है जो महाराष्ट्र सरकार के कार्यकलापों पर सवाल उठा रहे हैं।
डॉ. पात्रा ने कहा कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विराट पर लक्षद्वीप पर छुट्टी मनाने गये थे तो इंडियन एक्सप्रेस ने समाचार प्रकाशित किया था। तब इंडियन एक्सप्रेस के साथ वैसा ही व्यवहार हुआ था जैसा आज महाराष्ट्र सरकार पत्रकारों के साथ व्यवहार कर रही है। उस समय राजीव गांधी सरकार जुलाई 1988 में मानहानि विधेयक लायी थी ताकि प्रधानमंत्री के विरुद्ध किसी को भी लिखने से राेका जा सके। तब मीडिया एकजुटता और बहादुरी से लड़ा था और इस विधेयक को पारित नहीं होने दिया था।