नोटबंदी के दौरान कहीं आपने तो नहीं की यह गलती, हजार लोगों को नोटिस जारी
October 16, 2018
नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद अगर आपने खाते में अपनी आय से ज्यादा राशि जमा की है तो फिर बेनामी कानून के तहत कार्रवाई होने के लिए तैयार हो जाइये। आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद पूरे देश में 10 हजार लोगों को इस तरह का नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। आने वाले हफ्तों में कई लोगों को ऐसा नोटिस भेजा जाएगा।
नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी के चलते चलन से बाहर किए गए अधिकतर करंसी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। हालांकि एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘पैसा लौटा तो है बैंकिंग सिस्टम में, लेकिन वह किसी न किसी नाम से जुड़ा है। न केवल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, बल्कि कई अन्य सरकारी विभाग भी अब इस डेटा का उपयोग भविष्य में जांच में कर सकते हैं।
इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि बेनामी ऐक्ट काफी कड़ा है और इन नोटिसों के चलते कई लोगों को जेल भी हो सकती है। अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा, ‘इनकम टैक्स को जिन कैश डिपॉजिट के बेहिसाबी होने का शक था, उनके मामलों में अब बेनामी नोटिस भेजे गए हैं। अभी तो फोकस बड़े ट्रांजैक्शंस पर दिख रहा है, लेकिन इन नोटिसों का मतलब यह है कि टैक्स चोरी करने वालों की शामत आ सकती है।
सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर रहा है। टैक्स विभाग फोन रेकॉर्ड, क्रेडिट कार्ड, पैन डिटेल, टैक्स स्ट्रक्चर के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हासिल सूचना भी खंगाल रहा है। घटनाक्रम से वाकिफ एक अन्य शख्स ने बताया, ‘विभिन्न स्रोतों से हासिल डेटा से एक पैटर्न का पता चलता है। एनालिटिक्स से संदेह वाली चीजों का खुलासा होता है, जिस पर टैक्स अधिकारी आगे जांच कर सकते हैं।
केपीबी ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर पारस सावला ने कहा, ‘बेनामी नोटिस अभी शुरुआती स्तर के हैं। ये उन लोगों को भेजे गए हैं, जिन्होंने अनअकाउंटेड कैश जमा किया था या जिनका कैश डिपॉजिट उनकी इनकम के मुताबिक नहीं था। कई मामलों में लोगों ने ऐसे बैंक खातों में पैसा जमा किया, जो उनके नहीं थे। ये नोटिस भेजे जाने का मतलब यह है कि बैंक खाता धारक और पैसे जमा करने वाले, दोनों को बेनामी ऐक्ट के तहत जांच का सामना करना होगा।