अगर घर में बचना हैं फूड पॉइजनिंग से, तो करें ये काम…
April 16, 2020
अगर फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोया जाए और पूरी तरह से पकाया जाए तो फूड पॉयजनिंग करने वाले ज्यादातर जीवाणुओं से बचा जा सकता है। खाने से होने वाली बीमारियां या फूड पॉयजनिंग ऐसा खाना खाने से होती है जिसमें जीवाणु या उनके जहरीले तत्व मौजूद हों। वायरस और परजीवी भी इसका कारण बन सकते हैं। कच्चे मीट, पोल्ट्री उत्पाद और अंडों से माइक्रोब्स से होने वाली बीमारियां ला सकते हैं। लेकिन इन दिनों खाने की चीजों से होने वाली ज्यादातर बीमारियां ताजा फलों और सब्जियों से होती हैं। फूड पॉयजनिंग से पेट में दर्द, जी मिचलाना, सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, डायरिया और डीहाइड्रेशन आदि हो सकता है। इसके लक्षण दूषित खाना खाने के कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक नजर आ सकते हैं। उदाहरण के लिए सल्मोनेला बैक्टीरिया से 12 घंटे से लेकर 3 दिन तक बीमारी हो सकती है जो 4 से 7 दिन तक रह सकती है। फूड पॉयजनिंग का सबसे आम इलाज ज्यादा से ज्यादा तरल आहार लेना है। कुछ ही दिनों में बीमारी कम होने लगती है।
फल, बर्तन और हाथ धोएं।
कच्चे खाने को खाने के लिए तैयार खाने से अलग रखें।
खाना सुरक्षित तापमान पर ही पकाएं।
खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को खरीदने और बनाने के दो घंटों के अंदर फ्रिज में रखें।
खाने को सुरक्षित तरीके से डिफ्रोस्ट करें।
अगर खाने के खराब होने की शंका हो तो उसे फेंक दें।
सड़कों पर मिलने वाले खुले में रखे कटे हुए फल और सब्जियां न खाएं।