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कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर लिया गया यह अहम निर्णय

नयी दिल्ली, कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व को लेकर अहम निर्णय लिया गया।

कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्यसमिति ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को कोरोना महामारी तथा देश में व्याप्त अन्य कई संकट को देखते हुए कांग्रेस अधिवेशन में नये नेता का चुनाव होने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है।
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने करीब सात घंटे चली कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी की सर्वोच्च संस्था ने श्रीमत गांधी से नये अध्यक्ष के चुनाव तक पार्टी का नेतृत्व करने का एकस्वर में अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा,“कार्यसमिति ने इसका भी संज्ञान लिया कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार विमर्श मीडिया के माध्यम से या सार्वजनिक पटल पर नहीं किया जा सकता है। समिति ने सभी कार्यकर्ताओं तथा नेताओं को पार्टी से संबंधित मुद्दे पार्टी मंच पर ही रखने की सलाह दी है ताकि संगठन में अनुशासन बना रहे। सीडब्लूसी कांग्रेस अध्यक्षा को अधिकृत करती है कि उपरोक्त चुनौतियों के समाधान हेतु जरूरी संगठनात्मक बदलाव के कदम उठाएं।”
उन्होंने कहा कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा महासचिव -संगठन के सी वेणुगोपाल को लिखे पत्र तथा कुछ अन्य नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व को लिखे ग्ए पत्र का संज्ञान लिया जिस पर समिति में विचार किया गया।

श्री वेणुगोपाल तथा श्री सुरजेवाला ने कहा कि समिति ने इन पत्रों पर गहन विचार विमर्श किया एवं विस्तृत चर्चा के बाद निर्णय लिया कि छह महीने में देश कोरोना महामारी, तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था एवम आर्थिक संकट, रोजगार का नुकसान एवं बढ़ती गरीबी तथा चीन का घुसपैठ एवम कब्जे के दुस्साहस जैसे संकट से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार हर मुद्दे पर विफल साबित हुई है और उसकी विभाजनकारी नीति एवं भ्रामक प्रचार का पर्दाफाश आवश्यक है और इसके लिए सबसे ताकतवार आवाज श्रीमती गांधी और श्री राहुल गांधी की है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर श्रीमती गांधी के सटीक सवालों ने भाजपा सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की है। उनके नेतृत्व ने उच्च पदों पर बैठे लोगों को झकझोरा भी और सच्चाई का आईना भी दिखाया।
उन्होंने कहा कि श्री राहुल गांधी ने भाजपा सरकार के खिलाफ जनता की लड़ाई का दृढ़ता से नेतृत्व किया। कांग्रेस के आम कार्यकर्ता की इच्छा को प्रतिबिंबित करते हुए कार्यसमिति की बैठक में श्रीमती गांधी एवं श्री राहुल गांधी के हाथों तथा प्रयासों को मजबूत करने का संकल्प लेते हुए आग्रह किया कि श्रीमती गांधी को ही पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए।