नयी दिल्ली, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की पूर्व महिला कर्मचारी ने न्यायालय की आंतरिक समिति द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिये जाने पर कहा कि वह “बेहद निराश और हताश” हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की एक महिला नागरिक के तौर पर उसके साथ “घोर अन्याय” हुआ है और उसका “सबसे बड़ा डर” सच हो गया और देश की सर्वोच्च अदालत से न्याय की उसकी उम्मीदें पूरी तरह खत्म हो गई हैं।
महिला ने प्रेस के लिए एक बयान जारी कर कहा कि वह अपने वकील से परामर्श कर आगे के कदम पर फैसला उठाएंगी।
उन्होंने कहा, “आज, मैं कमजोर और निरीह लोगों को न्याय देने की हमारी व्यवस्था की क्षमता पर विश्वास खोने के कगार पर हूं…।”
उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया से पता चला कि प्रधान न्यायाधीश अपना बयान दर्ज कराने के लिये समिति के समक्ष पेश हुए लेकिन इस बात की जानकारी नहीं है कि आरोपों से अवगत अन्य लोगों को समिति के समक्ष बुलाया गया या नहीं।