देश भर के जरुरतमंद लोगों की सेवा मे, डाक विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
April 19, 2020
नयी दिल्ली , डाक विभाग को कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर देश भर के जरुरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए अपने पोस्टल नेटवर्क को तैयार एवं सक्रिय रखने का निर्देश दिया गया है।
कोरोना संकट के इस समय में डाक विभाग ने देश भर में डाक घरों के अपने विशाल नेटवर्क के जरिये देश के लोगों की सहायता करने में खुद को योग्य साबित किया है।
केंद्रीय संचार, विधि एवं न्याय तथा इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने प्रत्येक राज्य के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस किया जिसके द्वारा मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल एवं मुख्य महाप्रबंधको को देश भर के जरुरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए अपने पोस्टल नेटवर्क को तैयार एवं सक्रिय रखने का निर्देश दिया गया।
भारतीय डाक एक वास्तविक कोरोना योद्धा की तरह लगातार दूरदराज के क्षेत्रों में लाखों लोगों को उम्मीद और अनिवार्य वस्तुओं का आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
श्री प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंस में विशेष रूप से निर्बल वर्गों एवं खाद्य वस्तुओं की तत्काल आवश्यकता वाले लोगों पर खास ध्यान देने संबंधित निर्देश जारी किया। डाक विभाग के कर्मचारियों ने झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वाले जरुरतमंदों, प्रवासी मजदूरों एवं दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, सूखा राशन एवं मास्क भी वितरित करने के लिए अपनी बचतों को इकट्ठा किया है।
भारतीय डाक की तरफ से पिछले कुछ दिनों में लगभग 1 लाख भोजन/सूखे राशन के पैकेट वितरित किए गए हैं। केवल नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, प्रयागराज एवं फैजाबाद में प्रवासी मजदूरों, जरुरतमंदों एवं निर्माण श्रमिकों के बीच 50 हजार से अधिक भोजन/सूखे राशन के पैकेट वितरित किए गए हैं।
इसी प्रकार बिहार में स्वेच्छा से लगभग 16,000 फूड पैकेट एवं साबुन, मास्क, सैनिटाइजर एवं ग्लोव्स के 11500 पैकेट वितरित किए गए हैं। लाॅकडाउन अवधि के दौरान तेलंगाना में पोस्टल मेल वाहनों के द्वारा लगभग 18,000 भोजन पहुंचाए गए जबकि डाक कर्मचारियों ने हैदराबाद सिटी में लगभग 1750 परिवारों को भोजन एवं सूखा राशन के पैकेट वितरित किए।
इसके अलावा नागपुर में भी डाक कर्मचारियों द्वारा लगभग 1500 प्रवासी मजदूरों को भोजन/सूखे राशन के पैकेट उपलब्ध कराए गए। पंजाब पोस्टल सर्किल ने निर्माण मजदूरों, हाकरों, रिक्शा चलाने वालों, पीजीआई के रोगियों के परिचारकों एवं चंडीगढ़ के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए ‘फूड आन व्हील्स‘ आरंभ किया है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के समन्वय से, चंडीगढ़ के डाक अधिकारी डिपार्टमेंट मेल मोटर वाहन में भोजन पार्सल ले जाते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में दिन में दो बार उनका वितरण करते है। सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए ‘फूड आन व्हील्स‘ के जरिये प्रति दिन दो बार लगभग 2,000 से 3,500 जरुरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया जाता है। रेड पोस्टल मेल मोटर इन घर विहीन, भूखे लोगों के लिए अब उम्मीद की नई किरण बन गया है और वे व्याकुलता से इनकी प्रतीक्षा करते हैं।
मुंबई में डाक कर्मचारी न केवल प्रवासी मजदूरों और स्लम में रहने वालों को खिला रहे हैं बल्कि धारावी आदि जैसे सर्वाधिक कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में उन्हें मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कर रहे हैं।
लाकडाउन के दौरान, रूटीन दवाएं तो उपलब्ध थीं, लेकिन कैंसर, किडनी उपचार एवं अन्य प्राणघातक बीमारियों के लिए विशिष्ट दवाएं जिन्हें आम तौर पर बड़े शहरो में रहने वाले रोगी के बच्चों एवं संबंधियों द्वारा खरीदा जाता था, उपलब्ध नहीं थीं।
संचार मंत्री को ट्वीटर एवं अन्य माध्यमों के जरिये काफी सुझाव दिए गए। तदनुरूप, मंत्री ने डाक विभाग को अंतिम गंतव्य तक इन जीवन रक्षक दवाओं की प्रदायगी के लिए डाक घर के जरिये स्पीड पोस्ट एवं डाकिये का उपयोग करने का निर्देश जारी किया है।