नकदी की चिंता के बीच ऊर्जा, आईटी और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को 464 अंक टूटकर 34,315.63 अंक पर आ गया। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने कोष का प्रवाह बढ़ाने के नियमों को उदार किया है, इसके बावजूद बाजार में जोरदार गिरावट आई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी 150 अंक का नुकसान हुआ और यह 10,400 अंक के स्तर से नीचे आ गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर कारोबार के दौरान सात प्रतिशत तक नीचे आने के बाद अंत में 4.11 प्रतिशत के नुकसान से बंद हुआ। कंपनी के सकल रिफाइनिंग मार्जिन में कमी की चिंता से इसका शेयर नीचे आया है। हालांकि दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का वित्तीय परिणाम अच्छा रहा हैं लेकिन रिफाइनिंग मार्जिन को लेकर चिंता बनी हुई। तिमाही के दौरान कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 9.5 डॉलर की प्राप्ति हुई।
इससे पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 12 डॉलर प्रति बैरल था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 10.5 डॉलर प्रति बैरल था। आवास वित्त क्षेत्र की कंपनी एचडीएफसी का शेयर 4.32 प्रतिशत टूट गया। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने एनबीएफसी को कोष का प्रवाह बढ़ाने के लिए कई कदमों की घोषणा की है।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में कमजोर रुख के साथ 34,563.29 अंक पर खुला। इसके बाद यह 34,140.32 अंक तक और नीचे आया। हालांकि, बाद में चुनिंदा शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स में कुछ सुधार हुआ। अंत में सेंसेक्स 463.95 अंक या 1.33 प्रतिशत के नुकसान से 34,315.63 अंक पर बंद हुआ।
बुधवार को सेंसेक्स 382.90 अंक टूटा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 149.50 अंक या 1.43 प्रतिशत के नुकसान से 10,303.55 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 10,249.60 से 10,380.10 अंक के दायरे में रहा। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 417.95 अंक और निफ्टी 168.95 अंक नुकसान में रहा है। अन्य एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। जापान का निक्की 0.56 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.38 प्रतिशत और ताइवान 0.46 प्रतिशत नीचे आए। शंघाई कम्पोजिट 2.58 प्रतिशत चढ़ गया। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार नीचे चल रहे थे।