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देश के इन छह प्रमुख शहरों में, ऑफिस स्पेस की मांग में भारी वृद्धि

नयी दिल्ली , देश में कोवर्किंग स्पेस की मांग में आ रही तेजी के बल पर वर्ष 2019 में देश के छह प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग में 22 फीसदी की तेजी दर्ज की गयी है।

प्रॉपर्टी सलाहसेवा प्रदाता कंपनी सेविल्स इंडिया ने मुंबई,दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे और हैदराबाद में ऑफिस स्पेस की मांग को लेकर गुरूवार को ऑफिस मार्केट वाॅच 2019 रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में ऑफिस स्पेस डिमांड में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान कुल ऑफिस स्पेस की मांग 5.77 कराेड़ वर्ग फीट के स्तर पर पहुंच गई। वर्ष 2020 में भी ऑफिस स्पेस मांग में इसी तरह से वृद्धि का अनुमान जताया गया है। इसमें एक्सपेंशनए कंसोलिडेशन और अपग्रेडेशन जैसे कदमों की अहम भूमिका रहने की उम्मीद है।

सेविल्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग माथुर ने कहा कि कमर्शियल सेग्मेंटए खासकर ऑफिस स्पेस मार्केट मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। इसने 2018 के 4.73 करोड़ वर्ग फीट की रिकॉर्ड मांग को पीछे छोड़ते हुए 2019 में 5.77 करोड़ वर्ग फीट का स्तर छू लिया। यह बढ़ोतरी दिखाती है कि प्रमुख बाजारों में ऑफिस स्पेस का बाजार मजबूत हो रहा है। टेक्नोलॉजी सेक्टरए फ्लेक्सिबल क्षेत्र में वृद्धिए भारतीय अर्थव्यवस्था के औपचारिक तथा संगठित होते जाने और विदेशी कंपनियों के विस्तार जैसे कारकों का इसमें अहम् योगदान है।उन्होंने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था में कुछ नरमी के बावजूद चालू वर्ष में वृद्धि के रूख के बने रहने की उम्मीद है। यह रूख लम्बी अवधि में भारत की रियल एस्टेट इंडस्ट्री को मजबूती प्रदान करेगा।

रिपोर्ट के अनुसार सालाना आधार पर हैदराबाद में ऑफिस स्पेस मांग सबसे तेजी से बढ़ा है। यहाँ ऑफिस स्पेस मांग पिछले साल के 62लाख वर्ग फीट से 53.2 प्रतिशत बढ़कर 95 लाख वर्ग फीट हो गया है। वहीं पहले की ही तरह इस बार भी बेंगलुरु 1.56 करोड़ वर्ग फीट के साथ देश का सबसे बड़ा ऑफिस बाजार बनकर सामने आया है। यहां पिछले साल के 1.35 करोड़ वर्ग फीट के मुकाबले 15.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। 2019 में ऑफिस स्पेस मांग के मामले में दक्षिण के तीन शहरों बेंगलुरुए हैदराबाद और चेन्नई की हिस्सेदारी 57 प्रतिशत से ज्यादा रही। 2018 में इनकी हिस्सेदारी 52 प्रतिशत थी।

इसके अनुसार वार्षिक आधार पर 13.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एनसीआर ने भी इस साल एक करोड़ वर्ग फीट का स्तर पार कर लिया है। चेन्नई ने करीब 60 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ 80 लाख वर्ग फीट के ऑफिस स्पेस मांग के स्तर को छू लिया है। 69 लाख वर्ग फीट के साथ 2019 में मुंबई ने 11.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। पुणे इस मामले 2019 में लगभग स्थिर रहा।

ऑफिस स्पेस किराये के मामले में चेन्नई सबसे अव्वल रहा। वहां मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण किराये में 15 से 20फीसदी की बढोतरी दर्ज की गयी। मुंबई और पुणे में किराये में सालाना आधार पर 4 से 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। एनसीआर में किराये में कोई बदलाव नहीं हुआ।