नयी दिल्ली, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले छह महीने से भी अधिक समय से चले आ रहे अभूतपूर्व सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत और चीन चरणबद्ध तरीके से अपने सैनिकों को पीछे हटाने की एक योजना पर काम कर रहे हैं।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस योजना को लागू करने से पहले अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सबसे पहले पैंगगाेंग झील के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटायेंगे। छह नवंबर को दोनों देशों के सैन्य कोर कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता के दौरान चीन ने इस योजना का प्रस्ताव सामने रखा था।
सूत्रों के मुताबिक इस योजना के तहत पैंगगोंग झील के उत्तरी किनारे की फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके से भारत और चीन अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटायेंगे।
सूत्रों के अनुसार यह अभी केवल एक प्रस्ताव है जिस पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही सैन्य कोर कमांडरों के बीच होने वाली अगले दौर की बातचीत में इस पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। इस योजना पर सहमति बनने और प्रत्येक पहलू की जांच होने के बाद ही कई चरणों में सैनिकों को पीछे हटाया जायेगा।
गौरतलब है कि मई की शुरुआत में तनाव बढ़ने के बाद से ही चीन ने एलएसी पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को युद्ध के लिए आवश्यक पूरे साजो-सामान के साथ तैनात कर रखा है। दरअसल, चीनी सैनिकों की ओर से लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिशों के कारण ही यह तनाव पैदा हुआ है। मौजूदा स्थिति के अनुसार फिंगर-4 इलाके पर भारत का नियंत्रण है और फिंगर-8 भी हमारा ही इलाका है। चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की गश्त को रोकने के लिए फिंगर-8 से फिंगर-4 की ओर घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
पैंगगोंग झील के उत्तरी किनारे से सैनिकों को हटाने के बाद इसके दक्षिणी किनारे पर तैनात टैंकों और अन्य युद्धक वाहनों को हटाने की योजना पर काम किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई दौर की बातचीत हो चुकी है जिसका कोई नतीजा नहीं निकला है।