जयपुर, टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती कर भारत ने टिड्डी नियंत्रण की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी (जोधपुर) में चरणबद्ध तरीके से 12 ड्रोन की तैनाती का काम शुरू कर दिया गया है। ड्रोन का उपयोग दुर्गम क्षेत्रों और ऊंचे पेड़ों पर टिड्डी नियंत्रण में आशा से अधिक संतोषजनक रहा है। रेगिस्तानी टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती ने टिड्डी सर्कल कार्यालयों की क्षमताओं में वृद्धि की है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने भारत के इस प्रयास के सराहना की है।
एक समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने निर्देश दिया था कि टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन की तैनाती की जानी चाहिए। चूंकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मौजूदा नीति में कीटनाशकों के पेलोड के साथ ड्रोन के उपयोग की अनुमति नहीं है, इसलिए कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इसकी अनुमति मांगी। 21 मई को अनुमति मिले के बाद ड्रोन, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टरों से कीटनाशकों के हवाई छिड़काव की मानक परिचालन प्रक्रिया को केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया।
टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की सेवाएं प्रदान करने के लिए जयपुर (राजस्थान) और शिवपुरी (मध्य प्रदेश) की दो फर्मों को पैनल पर रखा गया है। भारत ने टिड्डी नियंत्रण के काम आने वाले स्प्रेयर वाहन देश में ही विकसित करने में भी सफलता हासिल कर ली है। अल्ट्रा लो वॉल्यूम (यूएलवी) स्प्रेयर लगे इन वाहनों का राजस्थान के अजमेर और बीकानेर जिलों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। अब इस स्प्रेयर वाहन के वाणिज्यिक लॉंच के लिए आवश्यक स्वीकृतियां लेने की कार्यवाही चल रही है।
वर्तमान में स्प्रेयर वाहन इंगलैंड के एक फर्म से खरीदा जा रहा है। इस फर्म को 60 स्प्रेयरों की आपूर्ति के लिए फरवरी 2020 में आदेश दिये गए थे। अब तक केवल 15 स्प्रेयर मिले हैं। बाकी 45 इकाइयों की आपूर्ति एक महीने के भीतर होने की संभावना है।