नयी दिल्ली, भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में तीन दिन पहले पकड़े गए एक चीनी सैनिक को सोमवार को चीन को सौंप दिया। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में बताया।
भारतीय सेना द्वारा सैनिक को पकड़े जाने के बाद चीन ने शनिवार को उसे तत्काल रिहा करने की मांग की थी।
बीते तीन महीने में भारत द्वारा चीन के सैनिक को पकड़कर छोड़ने का यह दूसरा वाकया है।
उन्होंने बताया कि चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक को शुक्रवार सुबह पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में पकड़ा गया था। चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में आ गया था।
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में पूर्वाह्न 10 बजकर 10 मिनट पर चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर सैनिक को चीन को सौंप दिया गया।
सूत्रों ने कहा, ‘आठ जनवरी को पकड़े गए पीएलए के सैनिक को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजकर 10 मिनट पर चुशुल मोल्दो में चीन को सौंप दिया गया। ‘
पिछले आठ महीने से ज्यादा समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध चल रहा है। पैंगोंग झील वाले क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद पिछले साल मई में यह गतिरोध शुरू हुआ था।
सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा था ‘‘पीएलए का सैनिक एलएसी पार कर अवैध रूप से घुसा था। इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने उसे हिरासत में ले लिया था। चीनी सैनिकों के अभूतपूर्व जमावड़े और तैनाती के चलते पिछले वर्ष तनाव उत्पन्न होने के बाद दोनों ओर से सैनिक एलएसी पर तैनात किये गए हैं।’’
पिछले साल 19 अक्टूबर में पीएलए का कॉरपोरल वांग या लोंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘भटक’ गया था, जिसे भारतीय सैनिकों ने पकड़ लिया था। कॉरपोरल को प्रोटोकॉल के अनुसार चुशुल-मोल्दो सीमा स्थल पर चीन को सौंप दिया गया था।
एलएसी पर पैंगोंग झील के आसपास के इलाके में बीते कुछ महीने से तनाव बना हुआ है।