नई दिल्ली,भारत के जवाबी शुल्क का अमेरिकी निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा और उसका करीब 90 करोड़ डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा. इसमें सेब, बादाम और दालें शामिल हैं. अमेरिका की एक संसदीय रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इस कदम से अमेरिकी निर्यात पर 90 करोड़ डॉलर का असर पड़ेगा. पिछले साल भारत ने अमेरिका के सेब, बादाम, अखरोट, और दालों पर आयात शुल्क बढ़ाया था. यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा स्टील और ऐल्युमिनियम की चीजों के आयात पर शुल्क लगाने के बाद किया गया था.
हालांकि, भारत ही एक ऐसा देश है जो जवाबी टैरिफ को लागू करने में देरी कर रहा है. इसका ऐलान छह महीने पहले ही हो गया था. पिछले साल अक्टूबर में ट्रंप ने भारत को टैरिफ किंग कहा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर आयात कर लगाया है.
अमेरिकी संसद की स्वतंत्र शोध शाखा संसदीय शोध सेवा (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन, यूरोपीय संघ, तुर्की, कनाडा और मैक्सिको के जवाबी शुल्क के दायरे में 800 से अधिक अमेरिकी खाद्य व कृषि उत्पाद आते हैं.सीआरएस ने ट्रंप सरकार के शुल्क लगाने की प्रतिक्रिया पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने अमेरिकी खाद्य व कृषि उत्पादों पर शुल्क लगाने की धमकी दी है. हालांकि, दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत के मद्देनजर वह शुल्क लगाने की तिथि को कई बार आगे बढ़ा चुका है और अब 31 जनवरी 2019 की तारीख तय की है.
सीआरएस ने कहा कि अमेरिका ने भारत को 2017 में कुल 1.8 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों का निर्यात किया था. भारत ने जिन उत्पादों पर शुल्क लगाना निर्धारित किया है, उसका मूल्य 85.7 करोड़ डॉलर है. अमेरिका के किसानों खासकर बादाम उगाने वाले भारत के जवाबी शुल्क की धमकी को महसूस कर रहे हैं. बता दें कि चीन, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, सऊदी अरब और टर्की ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कर की घोषणा की है. इन देशों ने अमेरिका के कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. चीन, टर्की, ईयू, कनाडा और मैक्सिको में लगभग 800 वस्तुओं पर जवाबी आयात शुल्क लगाया गया है.