भारतीय मिशन ने किया ‘यूएन’ में दिव्यांगों के पुनर्वास पर कार्यक्रम

न्यूयॉर्क, भारत ने मंगलवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) की भागीदारी के साथ ‘दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना और सतत विकास को बढ़ावा देना’ शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया।

कार्यक्रम में विशेष तौर पर आमंत्रित बीएमवीएसएस के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डॉ. डी आर मेहता ने जयपुर फुट की स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक के लाभों के बारे में बताया, वहीं बीएमवीएसएस अध्यक्ष सतीश मेहता ने ग्लोबल साउथ के विकासशील देशों के साथ संगठन के व्यापक सहयोग पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अपने स्वागत भाषण में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने के लिए सुलभ भारत अभियान जैसी भारत की प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुलभ, सस्ती और अनुकूलनीय हल्के कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने में बीएमवीएसएस के बहुमूल्य योगदान को याद किया, जिसमें जयपुर फुट अपने लाखों लाभार्थियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है।

हरीश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा आज संयुक्त राष्ट्र में दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने पर कार्यक्रम आयोजित करने पर मुझे खुशी है, जिसमें बीएमवीएसएस जयपुर फुट के नेतृत्व और इथियोपिया, ग्वाटेमाला के स्थायी प्रतिनिधि तथा इराक के चार्ज डी’अफेयर की भागीदारी शामिल रही।

भारतीय राजनयिक ने आगे कहा दिव्यांगों के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए भारत में इनोवेटिव योजनाओं पर प्रकाश डाला। वियतनाम में बीएमवीएसएस के शिविरों को सक्षम बनाने में अपने पहले के प्रयासों को याद किया। दिव्यांगों के जीवन में आशा जगाने की दिशा में महाद्वीपों में जयपुर फुट का योगदान उल्लेखनीय रहा है।

बता दें कि ‘जयपुर फुट’ एक प्रकार का कृत्रिम पैर है, जिसे खासतौर पर उन लोगों के लिए विकसित किया गया है, जिनके पैर किसी दुर्घटना, बीमारी या जन्मजात कारणों से नहीं हैं। स्थानीय सामग्री से निर्मित यह कृत्रिम पैर कम लागत और बहुउद्देशीय उपयोग के कारण दुनिया भर में विख्यात है। इसे बनाने वाली समिति बीएमवीएसएस को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में विशेष परामर्शदाता का दर्जा प्राप्त है। समिति ने हाल के वर्षों में विदेश मंत्रालय के सहयोग से विभिन्न देशों में 100 से अधिक विशेष शिविर आयोजित किए हैं और 44 देशों के 50 हजार से अधिक दिव्यांगों का पुनर्वास किया है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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