दुनिया भर में गूंजा आतंक के खिलाफ भारत का जीरो टॉलरेंस संदेश

नई दिल्ली, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए व्यापक कूटनीतिक संपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है और इसके साथ ही आतंक के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस वाले संदेश की गूंज अब पूरी दुनिया में सुनाई दे रही है।

भारत से 7 बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों में भेजे जा रहे हैं। जापान, यूएई और रूस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल पहुंच चुके हैं, जिन्होंने वहां प्रमुख नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और आत्मरक्षा के अधिकार पर अपना पक्ष रखा।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता संजय झा के नेतृत्व में सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को टोक्यो में जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और अन्य नेताओं के साथ बातचीत की। जापानी नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक पर जापान में भारतीय दूतावास की तरफ से ‘एक्स’ पर की गई एक पोस्ट को साझा करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा टीम इंडिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के हमारे संदेश को दुनिया तक ले जाते हुए देखना बहुत अच्छा है।

वहीं शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान, रक्षा समिति के अध्यक्ष अली अल नूमी और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की। यूएई और जापान ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एकजुटता व्यक्त की है।

इसके अलावा डीएमके सांसद के. कनिमोझी की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को रूस दौरे पर पहुंचा। यहां प्रतिनिधिमंडल ने फेडरेशन काउंसिल (ऊपरी हाउस) और रूसी फेडरेशन के संघीय विधानसभा के राज्य ड्यूमा (लोअर हाउस) के वरिष्ठ गणमान्य लोगों के साथ ही विदेश मंत्रालय तथा प्रमुख थिंक टैंकों के समक्ष पाकिस्तान के तमाम झूठे दावों को बेनकाब किया। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने एक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और कहा कि रूस सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के उन्मूलन के लिए भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है! आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस और भारत की स्थिति साझा है।

जापान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे संजय झा ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जापान के समर्थन का अनुरोध किया और इस संदर्भ में 25 अप्रैल 2025 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रेस स्टेटमेंट को प्रभाव देने का आह्वान किया, जिसने आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों एवं आयोजकों को जिम्मेदार ठहराने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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