श्री योगी ने गुरूवार को मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मानवीय आधार पर ऐसे व्यक्तियों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की जाए और स्वास्थ्य सम्बन्धी पूरी सावधानी बरतते हुए इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
मुख्यमंत्री ने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आश्वस्त किया कि बिहार राज्य जाने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और इन व्यक्तियों को सुरक्षित उनके गन्तव्य स्थल तक भेजा जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को भी आश्वस्त किया कि उत्तराखण्ड निवासी सभी लोगों के भोजन व संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
उन्होने लाॅक डाउन के मद्देनजर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत कर उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए उनके प्रदेश में यथा स्थान ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी सहित प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थानों पर फंसे अन्य राज्यों यथा गुजरात आदि के तीर्थ यात्रियों के लिए भी भोजन व सुरक्षा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि गरीब तबके के जो लोग अब तक इस लाभ से वंचित हैं उनको एक हजार रुपये के साथ खाद्यान्न भी उपलब्ध कराएं। लोगों के व्यापक हित में पुलिस और प्रशासन मिल कर लॉकडाउन को प्रभावी बनाएं। साथ ही कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ पूरी सख्ती बरतें। आवश्यकता पड़े तो इनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही भी की जाए।
इस दौरान शहर से लेकर गांव और सरकारी संस्थाओं खासकर पुलिस थाने, जेल, पुलिस लाइन और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में शुद्ध पानी, सफाई और सेनिटाइजेशन की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए एक अलग कमेटी बनायी गयी है। अब तक 11 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड तैयार हो चुके हैं। कोरोना के जांच की सुविधा लगातार बढ़ाया जा रहा है।
श्री योगी ने लॉकडाउन में सहयोग करने को लेकर प्रदेश वासियों का अभिनंदन किया और सफाई, स्वास्थ्य और पुलिस समेत सभी उन कर्मचारियों का आभार जताया है जो इस संकट की घड़ी में संयुक्त रूप से बेहतर काम कर रहे हैं। सरकार ने कोविड-19 की टेस्टिंग, स्क्रीनिंग व अन्य सुविधाओं के लिए विधायक निधि की गाइड लाइन में संशोधन का शासनादेश जारी कर दिया है।
जिसे प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने सभी जिले के डीएम को भेज दिया है। विधायक निधि की धनराशि की संस्तुति को जिला स्तर पर ही चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाया जाएगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में 30,000 लोगों की निगरानी और उनकी मानटरिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पशुओं को चारे की किल्लत न हो, दूध की आपूर्ति बनी रहे। हर घर तक दूध और रोजमर्रा के जरूरत के सामना पहुंचाना भी सरकार सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आलू, सरसों, मटर, चना की फसल तैयार है। गेहूं भी तैयार होने को है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह इनके खरीद और भंडारण की भी उचित व्यवस्था कराएं। कोराना के खिलाफ इस जंग में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
उन्होने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस पैकेज की घोषणा की है वह भविष्य में पूरी दुनिया के लिए नजीर बनेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वह लॉकडाउन का पालन करें। इससे होने वाली तकलीफ आप सबके और देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जनता का इसी तरह सहयोग रहा तो यकीनन हम कोरोना के खिलाफ यह जंग जीत कर रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जानते हैं कि कोरोना के कारण उत्पन्न मौजूदा हालात से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। ओलावृष्टि और लाकडाउन के दौरान हुई क्षति को देखते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। इसमें प्रमुख सचिव कृषि और प्रमुख सचिव खाद्य को शामिल किया गया है। यह कमेटी आर्थिक रूप से सहयोग के लिए एक योजना तैयार करेगी। साथ ही गेंहू और आलू की फसल के नुकसान का भी आकलन करेगी। इस असर को न्यूनतम रखते हुए हालात सामान्य होते ही यथा शीघ्र इसकी भरपाई कैसे की जाय इस बाबत रणनीति तैयार की जाएगी।
इस बीच लोकभवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि प्रदेश में 42 कोरोना मरीजों में से 11 लोग ठीक हो गए हैं, जिन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है। प्रदेश में 8 टेस्टिंग लैब में काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि एक लाख से अधिक फूड पैकेट तैयार किए गए हैं। 20,000 गाड़ियों से 15 लाख लीटर दूध को घर-घर वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
उन्होने कहा कि हर सरकारी वाहन पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लागू किया जा रहा है। अन्य प्रदेशों से जो मजदूर और कर्मचारी लोग चलकर आ रहे हैं, उनके लिए संबंधित जिले में रहने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। खासतौर से सीमा वाले जिलों के डीएम और पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि लोगों के रुकने, रहने और खाने का समुचित प्रबंध करें।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में पुलिस ने 2802 एफआईआर धारा 188 के उल्लंघन में दर्ज की है। 8649 लोगों का चालान किया गया है। अब तक 2.86 लाख वाहनों की चेकिंग की गई है। आवश्यक वस्तुओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में 18570 मोबाइल वैन और हाथगाड़ी व ठेला मुहैया करवाया गया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से 30,125 ग्राम प्रधानों से फोन पर संपर्क किया है।
उन्होंने कहा कि आगरा, वाराणसी और लखनऊ में कम्युनिटी किचन शुरू हो गया है। इसके साथ ही जो भी संस्था या संगठन कम्युनिटी किचन शुरू करना चाहते हैं, वे अपने जिले के जिला अधिकारी को आवेदन कर सकते हैं।