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इंटरनेट उपभोक्ता बढ़े, पर कंटेंट की कमी एक बड़ा अवसर

नयी दिल्ली , जिस गति से भारतीय भाषाओं के इंटरनेट उपभोक्ता बढ़े हैं उस गति से इन भाषाओं में कंटेंट में वृद्धि नहीं हुयी है और यह इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए एक बड़ा अवसर है। यह कहना है इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी का।

श्री साहनी ने फिक्की इंडियन लैंग्वेज इंटरनेट एलायंस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में डिजिटल अर्थव्यवस्था पर भारतीय भाषाओं के प्रभाव का उल्लेख करते हुये कहा कि भारतीय भाषाओं के उपयोक्ताओं में बेतहाशा वृद्धि हो रही है जोकि इंटरनेट के माध्यम से भारतीय भाषा कंटेंट का इस्तेमाल अपनी सुविधानुसार करने के लिए उत्सुक हैं।

इंटरनेट पर इंडिक कंटेंट उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के लिए उस अनुपात से कंटेट नहीं बढ़ा है। ज्यादातर भारतीयों के पास अपनी संबंधित भाषाओं में इंटरनेट पर उपयोगी कंटेंट तक पहुंच का अवसर नहीं है। इस तरह के अंतर न सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए भारी अवसर हैं बल्कि भारत और शेष दुनिया के लिए नई खोजपरक तकनीकों का निर्माण करने के लिए बड़ा अवसर हैं।

उन्होंने कहा कि सामाजिक.आर्थिक लाभ काफी बड़े हैं और यह इकोसिस्टम के लिए पर्याप्त हैं ताकि वे पेशेवर एवं स्थायी उद्योग को बनाने में सहयोग एवं संचार का लाभ उठा सकें। हितधारकों को पता है कि साथ मिलकर वे उद्योग पर अकेले काम करने की तुलना में अधिक असर डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सब मिलकर एक मजबूत इंडिक इकोसिस्टईम बनायें जो इंडिक में पेश की जाने वाली अधिक इंटरनेट सेवायें मुहैया करायेगा और वास्तव में भारत के डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा।