नई दिल्ली ,ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने की तारीख नजदीक आने के साथ ही उसकी बड़े देशों को कच्चे तेल की बिक्री भले ही थमती दिख रही है, लेकिन यह अरब देश बिल्कुल भी हार मानने के मूड में नहीं दिख रहा है। अब उसने खरीददारों को ज्यादा से ज्यादा तेल खरीदने के लिए बड़ा ऑफर दिया है।
सऊदी अरब ने भारत की तेल की मांग पूरी करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वह यहां फ्यूल रिटेलिंग और पेट्रोकैमिकल बिजनस में निवेश को भी तैयार है। बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब अगले महीने से ईरान पर अमेरिका के प्रतिबंध लागू होने के बाद भारत की तेल को जरूरतों को पूरा करने के लिए चालीस लाख बैरल ज्यादा तेल की सप्लाई करने की बात पहले ही कह चुका है।
इंडिया एनर्जी फोरम में सऊदी के तल मंत्री खालिद अल-फलेह ने पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की कारोबार आसान करने को लेकर तारीफ भी की। भारत से इमर्जिंग सुपरपावर बताते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में मेरे लगातार दौरे इस महान देश के साथ हमारे रिश्ते को दर्शाता है।’ गौरतलब है कि सऊदी भारत को तेल सप्लाई करने के मामले में दूसरे नंबर पर है। चार नवंबर से ईरान पर अमेरिका का प्रतिबंध लागू हो रहा है। अमेरिका ने इस समय तक ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को अपना आयात जीरो तक करने को कहा था।
सऊदी मंत्री ने कहा, ‘मैंने आज पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। मैंने उन्हें आश्वत किया कि सऊदी भारत की तेल जरूरतों को पूरी करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा साथ ही यहां निवेश भी जारी रखेगा।’ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश भारत की मुद्रा पर दुनिया में तेल की बढ़ती कीमतों के कारण काफी दबाव है। फलेह ने कहा, ‘यह केवल शुरुआत है। सऊदी की राष्ट्रीय कंपनी सऊदी अरमाको और अबु धाबी की नैशनल ऑयल कंपनी कंज्यूमर फेसिंग सेगमेंट जैसे रिटेल फ्यूल और पेट्रोकेमिकल भी निवेश को इच्छुक है। बता दें कि दोनों कंपनियों ने महाराष्ट्र में 40 अरब डॉलर की लागत से प्रस्तावित रत्नागिरी रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में 50 फीसदी हिस्सेदारी लेने पर राजी हैं।