पुणे, कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सबसे गंभीर रूप से जूझ रहे महाराष्ट्र का पुणे जिला दो लाख से अधिक संक्रमण मामलों के साथ देश का पहला जिला बन गया है।
मंगलवार को पुणे में काेरोना वायरस के 4,165 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार 2,03,468 हो गयी जो देश भर के जिलों से सर्वाधिक है।
जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने बुधवार को काेरोना मामलों मेें तेजी आने के तीन कारण ‘टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग’ को तेज करना बताया। उन्होंने कहा,“वर्तमान में देश में कोविड-19 मामलों की संख्या के मामले में पुणे जिला शीर्ष पर है। मामलों में वृद्धि के पीछे का कारण जिला प्रशासन की ओर से अपनाई गई आक्रामक परीक्षण रणनीति है।”
श्री देशमुख ने दावा किया,“ हाल ही में नहीं, बल्कि पुणे पिछले दो महीनों से आक्रामक परीक्षण कर रहा है और इसलिए मामलों की संख्या बढ़ रहे हैं। वास्तव में पुणे जिस तरह परीक्षण कर रहा है, उस प्रकार कोई अन्य जिला नहीं कर रहा है।”
उन्होंने कहा,“टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग कोरोना मामलों में वृद्धि के पीछे मुख्य कारक हैं। यहां तक कि सीरो सर्वेक्षण (लगभग 1,500 लोगों पर आयोजित) के परिणामों से पता चला कि 50 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी थे।”
उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी काफी उंची है। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना रिकवरी दर बढ़कर 78 फीसदी पहुंच गयी है। यानी अब तक 1.57 लाख से अधिक लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार तक जिले में कोरोना से 4,651 लोगों की मौत हुई थी जबकि मुंबई में 7,897 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पुणे में कोरोना मृत्यु दर महज 2.3 फीसदी है।
श्री देशमुख के मुताबिक पुणे में कोरोना सकारात्मकता दर 22 प्रतिशत है।