सुलतानपुर, बड़ा ही भावुक और मार्मिक पल था, जब दस साल पहले बिछड़े बेटे से मां बाप मिल रहे थे । मां और पिता की आंखों में धाराप्रवाह आँसू लेकिन बेटे को ऐसा गले लगाया कि अलग होने का नाम ही नहीं लिया । उसके मिलने की कभी कल्पना भी तो नहीं की थी ।
पीड़ित, और बिछड़े बच्चों पर काम करने वाली 1098 चाइल्ड लाइन एवं बाल कल्याण समिति ने सुलतानपुर के अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज से बात की और 10 वर्ष पूर्व बिछड़े एक बच्चे को उनके मां बाप से मिलाने में अत्यन्त सराहनीय भूमिका निभाई।
अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज व चाइल्ड लाइन सुलतानपुर के निदेशक विजय विद्रोही ने संयुक्त रुप से आज यहां कहा कि बच्चे के बारे में दो माह पूर्व सूचना मिल गई थी जिस पर कार्य किया जा रहा था। समस्या इस बात की थी कि बच्चा अपना पता सिर्फ सुलतानपुर बता पा रहा था।
सुलतानपुर नाम का स्थान मध्य प्रदेश में भी है। चाइल्ड लाइन के कार्यक्रम समन्यवक सन्दीप वर्मा ने अपने साथियों आनन्द सिंह, अरुण सिंह , सत्याशु श्रीवास्तव के साथ काफी मेहनत की । विजय विद्रोही ने बताया कि अंतिम प्रयास में अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज और संस्था के लोगों ने इसे सोशल साइट्स व्हाट्सएप पर वायरल किया तथा पुलिस की मदद ली।
जिसके बाद पता चला कि सदर तहसील क्षेत्र के समीपवर्ती गांव के वसीम अहमद का पुत्र है।
उन्होंने बताया कि 09 मई 2010 को मुम्बई से सुलतानपुर आते समय बालक खंडवा मध्य प्रदेश स्टशेन पर माता पिता से बिछड गया था। बालक को खंडवा की बाल कल्याण समिति द्वारा दस साल तक पढ़ाया लिखाया गया। बालक को केवल इतना पता था की सुलतानपुर का रहने वाला है। इस जानकारी पर कि बालक उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर का रहने वाला है तो बीते शुक्रवार को खंडवा मध्य प्रदेश की चाइल्ड लाइन की टीम द्वारा सुलतानपुर कोतवाली नगर में दाखिल कराया गया।
जहां से बाल कल्याण समिति ,सुलतानपुर चाइल्ड लाइन को सुपुर्दगी दे दी । चाइल्ड लाइन सुल्तानपुर और कोतवाली नगर तथा एनजीओ के सदस्यों के सम्मिलित प्रयास से कल 24 घंटे में बच्चे के बिछडे मां बाप से मिला दिया गया। इस काम के लिए जनता और परिवार बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, जिला बाल संरक्षण अधिकारी व पुलिस के संयुक्त प्रयास की सराहना की जा रही है।