ब्रिटिश आर्मी ने सुरक्षा कारणों से एसएएस के इस स्नाइपर के नाम का खुलासा नहीं किया है। बता दें कि ब्रिटिश सेना पिछले कई साल से स्थानीय कुर्दिश लड़ाकों के साथ मिलकर आईएसआईएस के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर रही है। ब्रिटिश एसएएस के कमांडो कई दिनों से आईएसआईएस के इस सीक्रेट बम फैक्ट्री पर नजर बनाए हुए थे। नवंबर में उन्हें इस फैक्ट्री में कुछ ज्यादा ही संदिग्ध गतिविधियां दिखने लगी थीं। जिसके बाद ऐक्शन का फैसला किया गया। कमांडो की टीम ने इस फैक्ट्री में से पांच आतंकियों को बाहर निकलते हुए देखा। उनमें से एक आत्मघाती हमलावर को फिल्मा रहा था जो मुस्कुराते हुए कैमरे पर बातें कर रहा था।एसएएस के कमांडों ने तुरंत इसकी सूचना अपने बेस को दी कि उसके निशाने पर एक आत्मघाती हमलावर है। पहले यह योजना बनाई गई थी कि एक गोली से केवल उस हमलावर को मार दिया जाए, जिससे उसकी पहचान की जा सके। लेकिन, लक्ष्य की दूरी अधिक होने के कारण और हवा में अचानक हुए बदलाव से गोली उस आत्मघाती हमलावर के विस्फोटकों से भरे जैकेट पर जा लगी। जिसके कारण हुए घमाके में सभी पांचों आतंकवादी मारे गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह स्नाइपर .50 कैलिबर के रायफल का इस्तेमाल कर रहा था। इस रायफल को ब्रिटिश आर्मी के शस्त्रागार की सबसे शक्तिशाली हथियारों में गिना जाता है।