Breaking News

उत्तर प्रदेश में जेल प्रशासन ने कोरोना बचाव के लिए नहीं किए कोई उपाय

जौनपुर,  उत्तर प्रदेश में जौनपुर जेल प्रशासन ने क्षमता से चार गुणा बंदियों को कोरोना से बचाव एवं सुरक्षा के लिए अभी तक कोई एतियातन कदम नहीं उठाए है।

कोरोना वायरस को लेकर देश भर में भले ही हाई अलर्ट है तथा बचाव के मद्देनजर एहतियातन भीड़-भाड़ के चलते जहां स्टेडियम में मैच निरस्त किए जा रहे हैं, मेट्रो का संचालन रोका जा रहा है, मॉल और सिनेमा हाल बंद किए जा रहे हैैं वहीं जिला कारागार में क्षमता से चार गुना से अधिक बंदी होने के बावजूद कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई उपाय न किया जाना चिंता की बात है।

करीब डेढ़ सौ साल पुराने जेल की क्षमता 320 बंदियों की है और गुरुवार को बंदियों की तादाद 1228 रही। नतीजतन बैरक नंबर-3 (ए) में 30 की जगह 157 तो (बी) में 155 बंदी रखे गए हैं। यही दशा अन्य बैरकों की भी है। हर बंदी के नाम पर बमुश्किल छह फुट लंबी और ढाई फुट चौड़ी दरी मुहैय्या कराई गई है। सुविधा शुल्क देकर बाहर से बंदियों से मिलने के लिए आने वालों की भीड़ की स्कैनिंग का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है तथा उनके हाथ धुलाए जाने की भी जरूरत नहीं समझी जाती।

निवर्तमान जेल अधीक्षक ए के मिश्र के पिछले साल 31 दिसंबर को रिटायर्ड होने के बाद अब तक जेल प्रशासन ने अधीक्षक की तैनाती नहीं की है और जेलर राज कुमार ही कार्यवाहक अधीक्षक का कार्य भार संभाले हुए हैं। सहायक जेलर और बंदी रक्षक भी स्वीकृत पदों से कम ही हैं।

जिला जेल का अस्पताल फार्मासिस्ट सतीश कुमार के भरोसे चल रहा है। जेल में तैनात डा. रवि राज ने अपना आशियाना वाराणसी में बना रखा है। दस दिन से तबीयत खराब होने के कारण किसी दिन आते हैं तो किसी दिन नहीं आते। किसी बंदी के बीमार होने पर फार्मासिस्ट ही देखकर दवा दे देता है।

जेल में निरुद्ध बंदियों में से कई खांसी, बुखार, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत आदि से पीड़ित हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जहां बचाव के लिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि जिन्हें भी खांसी, छींक या सांस लेने में तकलीफ हो, उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जा रही है। लेकिन इस जेल में छह इंच की दूरी बनाकर भी रहना, बैठना या सोना बंदियों के लिए मुश्किल है। जेल में मच्छरों का प्रकोप है। दवाओं का छिड़काव भी नहीं किया जाता है।

प्रभारी अधीक्षक जिला कारागार राज कुमार ने बताया कि क्षमता से चार गुना से अधिक बंदी कोई नई बात नहीं है। कोरोना वायरस के संबंध में अभी जेल प्रशासन से किसी तरह का कोई निर्देश नहीं आया है। लिहाजा बंदियों से लोगों को पहले की तरह मिलने दिया जा रहा है। जिन बंदियों की तबीयत खराब होती है उनका हरसंभव इलाज कराया जाता है। उन्होंने कहा कि बंदियों को कोरोना से बचाव के लिए जेल प्रशासन से जैसा निर्देश आएगा उसके अनुरूप कदम उठाया जाएगा।