बलरामपुर, जीवन दायिनी राप्ती नदी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में कटान के चलते 500 से अधिक परिवारो के समक्ष विस्थापन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
अधिकारिक सूत्रो ने रविवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बलरामपुर सदर,तुलसीपुर और उतरौला तहसील क्षेत्र के 300 से अधिक परिवार राप्ती नदी के कटान से खौफजदा है। कटान के डर से इन परिवारो के समक्ष विस्थापन की समस्या खडी हो गई है। उन्होंने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के कठौआ, कोठरी, काशीपुर, बेलहा, दतरंगवा, तुरकौलिया,रेहार,कटरा शंकरनगर,दूल्हापुर,बल्लीपुर तथा भीखमपुर गांव राप्ती नदी के मुहाने पर बसे है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह तुलसीपुर तहसील के इमिलिया खादर, मधवानगर, बरगदवा, सोहना,फरहुआ के अलावा उतरौला तहसील क्षेत्र के सुरहिया देवर,लाल नगर,मटियरिया कर्मा,महुआ धनी,कुडऊ बौडिहार आदि गाँव भी नदी किनारे होने के चलते कटान की जद में है। उन्होने बताया कि प्रशासन द्वारा कटान को नियंत्रित करने के लिए कार्य कराया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि भडरिया तटबंध पर बम्बू क्रेट और नायलान क्रेट मे मिट्टी भरी बोरिया रखकर कटान को रोका जा रहा है। जिससे सुरहिया देवर और लालनगर गाँव मे 300 घरो को बचाया जा सके। इसी तरह बेलहा चगहिया तटबंध पर मरम्मत कार्य कराकर लालजोत गाँव के करीब 360 घरो को सुरक्षित किया जा सका है।
इस बीच उपजिला अधिकारी सदर डा0 नागेन्द्रनाथ यादव ने बताया कि कटान प्रभावित गांवो में बाढ खंड के अधिशासी अभियंता के के दिवाकर के नेतृत्व मे कटान रोकने का कार्य जारी है। इसी तरह इमिलिया खादर तटबंध पर मधवा नगर खादर गाँव के पास फ्लड फाइटिंग कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। भडरिया तटबंध के चंदापुर गांव में भी कटान रोकने का उपाय किया जा रहा है। उन्होने बताया कि बाढ खंड के प्रयास से कटान मे कुछ कमी आई है। कटान से 15 से 20 हेक्टेयर कृषि भूमि नदी में समा गई है। तहसील प्रशासन कटान से हुई क्षति का आकलन करा रहा है।