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श्वेता यादव के लिए उठी जस्टिस की मांग

नई दिल्ली, श्रद्धा आफताब मामले में लव जिहाद का ऐंगल मिलने से मीडिया लगातार इसे कवरेज दे रहा है, वहीं इसी तरह के अन्य मामलों में उसकी चुप्पी कई तरह के सवाल पैदा कर रही है। यही हो रहा है ग्रेटर नोएडा की इको विलेज सोसायटी में पत्रकार श्वेता यादव की संदिग्ध मौत के मामले में, जो सोशल मीडिया पर तो छाया हुआ है लेकिन मुख्य मीडिया इसे बिलकुल नहीं दिखा रहा है।

श्वेता यादव की 21 नवंबर की बड़ी सुबह करीब साढ़े 3 बजे सोलहवीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। शुरुआती खबरों में पुलिस ने बताया था कि श्वेता के पति सुभाष सिंह सुमन ने श्वेता के सुसाइड करने का बयान दिया है।

यह भी खबरें आई थीं कि दोनों घटना की रात देर तक बालकनी में बैठे शराब पी रहे थे और उसी दौरान दोनों में विवाद हुआ और श्वेता ने सोलहवीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि मृतका के पति ने दावा किया है कि उसकी पत्नी ने अपार्टमेंट की 16वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की है। वहीं, महिला के परिजनों ने मामले में दहेज हत्या का आरोप लगाया है।

इसके बाद से मेनस्ट्रीम मीडिया में इस खबर का कोई फॉलोअप नहीं आया है, जबकि सोशल मीडिया पर ये मामला गर्माया हुआ है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या आया है, ये भी खबरों से गायब है।

यह भी पता चला है कि श्वेता अंबेडकरवादी पत्रकार और नारीवाद तथा सामाजिक न्याय की मुखर प्रवक्ता थी जबकि उसका पति सुभाष सिंह सुमन रणवीर सेना और ब्रह्मेश्वर मुखिया का कट्टर समर्थक है।

श्वेता यादव और सुभाष सिंह सुमन के बीच गंभीर वैचारिक मतभेद दोनों के फेसबुक प्रोफाइल की पोस्टों से भी जाहिर होता है। हालांकि शादी के बाद श्वेता ने परंपरागत महिलाओं की तरह पोस्टें करना शुरू कर दिया था जबकि सुभाष लगातार ब्रह्मेश्वर मुखिया का कट्टर समर्थक बना हुआ था।

पहले सुभाष के समर्थकों ने यह भी प्रचार किया कि दोनों की शादी से श्वेता के परिजन खुश नहीं थे, जबकि श्वेता की फेसबुक पोस्टों से पता चलता है कि दोनों की शादी दोनों पक्षों की रजामंदी से हुई थी और दोनों के परिजनों से दंपति के अच्छे संबंध थे।

जब मामले की बारीकी से जांच करने की मांग बढ़ी तो सुभाष के समर्थकों ने श्वेता को खर्चीली, पियक्कड़, और न जाने क्या-क्या कहकर उसका चरित्र हनन करना शुरू कर दिया।

फिर ये भी खबर सोशल मीडिया पर फैली की श्वेता की मां ने दामाद के पक्ष में बयान दे दिया है और मामला खत्म हो गया है, जबकि शादी के केवल दो-तीन साल बाद संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत की जांच एकदम से ऐसे खत्म नहीं की जा सकती है।

पूरे मामले की जांच और पड़ोसियों के बयान लिए जाने भी जरूरी हैं क्योंकि ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था और एक दो बार तो पुलिस के पास भी मामला पहुंचा था।

श्वेता को जानने वाले भी कहते हैं कि वह बहुत जुझारू लड़की थी और अपनी बेटी को बहुत प्यार करती थी। ऐसे में उसके सुसाइड करने की बात किसी को गले नहीं उतर रही है।

श्वेता का फेसबुक प्रोफाइल भी काफी वायरल हो रहा है जिसमें उसने लिखा है – सबकुछ माफ कर सकती हूं लेकिन रिश्तों में झूठ नहीं ।

इसी तरह से घटना के कुछ दिन पहले सुभाष सिंह का भी एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें उसने लिखा था कि किसी नारीवादी से कभी प्यार नहीं करना चाहिए वरना जिंदगी नर्क हो जाती है। घटना के बाद सुभाष ने यह पोस्ट डिलीट कर दिया लेकिन तब तक लोग उसका स्क्रीन शॉट वायरल हो चुका था।

सोशल मीडिया पर श्वेता के जानने वाले मांग उठा रहे हैं कि पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए और केवल उसके पति के बयान पर भरोसा न किया जाए क्योंकि वह तो खुद संदेह के घेरे में है।