भोपाल, उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा की विशेष बैठक आज यहां दिन में दो बजे होगी, जिसका एकमात्र एजेंडा कमलनाथ सरकार को विश्वास मत के जरिए बहुमत साबित करने का अवसर प्रदान करना है। माना जा रहा है कि इसी के साथ राज्य में एक पखवाड़े से अधिक समय से चल रहे सियासी संकट का समाधान निकल जाएगा और कमलनाथ सरकार का भविष्य भी तय हो जाएगा।
इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिन में बारह बजे मुख्यमंत्री निवास पर पत्रकार वार्ता बुलायी है। इस पर भी सभी की नजरें लगी हुयी हैं। इसके पहले कल देर रात विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार कर लिए। ये सभी विधायक पिछले कई दिनों से बेंगलुरु में रुके हुए हैं। कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने त्यागपत्र अध्यक्ष को दस मार्च को भेजे थे। इनमें से छह के त्यागपत्र पहले ही स्वीकार हो गए थे।
कल देर रात जिन विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किए गए, उनमें श्री हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज डंडोतिया, श्रीमती रक्षा संतराम, बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी और रणवीर जाटव शामिल हैं।
230 सदस्यीय विधानसभा में कुल 22 विधायकों के त्यागपत्र हो चुके हैं और दो सीट पहले से रिक्त हैं। इस तरह अब शेष सदस्यों की संख्या 206 रह गयी है। आज की स्थिति में बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों के मतों की आवश्यकता है।
वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 92 रह गयी है। इसके अलावा बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।
भाजपा के सभी विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सीहोर में एक होटल में हैं और वे सभी सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच एकसाथ विधानसभा पहुंचेंगे। वहीं कांग्रेस के विधायक भी यहां एक होटल में एकसाथ ठहरे हैं।