कानपुर : जानिये कूड़ा रखने के लिये क्यों जरूरी है दो डस्टबिन का प्रयोग

लखनऊ, कूड़ा रखने के लिये दो डस्टबिन का प्रयोग जरूरी है। क्योंकि लोगों को कूड़े के महत्व और इसकी उपयोगिता को समझाना बेहद जरूरी है। कूड़े को भी हम किस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह लोगों को बताना है। नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय की यह  अनूठी पहल है।

“गंदगी से आजादी” अभियान के अंतर्गत आज कानपुर  नगर निगम क्षेत्र के वार्ड चटाई महल वार्ड नंबर 79  में  लोक कलाकारों के द्वारा स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोक कलाकारों की टीम ने दर्शकों को बताया कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। अब प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ेदान में कचरा रखना होगा। गीला कचरा रखने के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़ा रखने के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा। 

लोक कलाकारों ने बताया कि प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले कूड़ादान में तो भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे कूड़ेदान में डलवाएं जाएंगे। जिससे लोगों को इनमें अंतर समझ आ सके और लोग खाने पीने की चीजों को बर्बाद ना करें। क्योंकि खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक, कांच आदि मिल जाता है और फिर पशु इन्हें भी खा लेते हैं। इसलिए इन वस्तुओं से बचाव जरूरी है।

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