कुलदीप यादव की कभी वसीम अकरम जैसा तेज गेंदबाज बनने का सपना संजोए क्रिकेट की बारीकी सीखने पहुंचे कुलदीप को कोच ने ऐसा फिरकी गेंदबाज बना दिया, जो दिग्गज बल्लेबाजों के लिए अबूझ पहेली बन गया. कुलदीप को क्रिकेट सिखाने वाले कोच कपिल देव पांडेय की चाहत है कि कुलदीप टीम इंडिया का कप्तान बने.
कुलदीप चाइना मैन गेंदबाज हैं, जो क्रिकेट के इतिहास में कम हुए हैं. कुलदीप को चाइना मैन बनाने में उनके कोच कपिल देव पांडेय का सबसे अहम योगदान है. कपिल आज भी जाजमऊ के रोवर्स ग्राउण्ड में खिलाडियों को क्रिकेट के गुर सिखा रहे हैं. 2004 में 10 साल की उम्र में कुलदीप यादव अपने पिता के साथ इसी ग्राउंड में क्रिकेट सीखने आए थे. वह मीडियम पेसर बनना चाहते थे और कुलदीप के आदर्श वसीम अकरम थे.
कुलदीप ने गेंदबाजी करनी शुरू की तो कोच कपिल को लगा कि वह स्पिन गेंदबाजी अच्छी कर सकता है. इसके बाद उन्होंने कुलदीप को स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी. कुलदीप ने जब स्पिनर के रूप में पहली गेंद डाली तो वह चाइनामैन थी. इसके बाद से कुलदीप अपने कोच की बात मानकर स्पिन गेंदबाजी करने लगे. कपिल बताते हैं कि कुलदीप में चाइनामैन यानी लेफ्ट आर्म लेग ब्रेक फेंकने की स्वाभाविक कला है. कपिल चाहते हैं कि कुलदीप एक दिन टीम इंडिया का कप्तान बनें, यही उनकी गुरू दक्षिणा होगी.