जमात-ए-इस्लामी संस्थापक की मौत के बाद, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में लगा कर्फ्यू
September 16, 2019
जम्मू , जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक की मौत होने के बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में जिला प्रशासन ने रविवार को कर्फ्यू लगा
दिया है।
जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक की लुधियाना के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के कारण मौत होने के बाद जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले
में जिला प्रशासन ने रविवार को कर्फ्यू लगा दिया।
पुलिस सूत्रों ने रविवार रात कहा कि जमात-ए-इस्लामी के संस्थापक सदस्य और तत्कालीन डोडा जिले में अलगाववादी नेता रहे मास्टर गुलाम
नबी गुंदना, जो किश्तवाड़ के जमात मस्जिद मोहल्ला निवासी थे, की लुधियाना अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद आज सुबह मौत होने के बाद
किश्तवाड़ मेें फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया।
किश्तवाड़ के उपायुक्त अंगरेज सिंह राणा ने कहा कि गुंदना के निमाज-ए-जनाजा के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति की आशंका के
मद्देनजर एहतियात के तौर पर शहर में प्रतिबंध हटा दिए गए थे।
जिले के एक वरिष्ठ पीडीपी नेता के पीएसओ से हथियार छीनने की घटना के बाद शुक्रवार को शहर में लगाया गया कर्फ्यू शनिवार को हटा
लिया गया। कर्फ्यू हटाए जाने के एक दिन बाद, लुधियाना के अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद वरिष्ठ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मास्टर गुलाम
नबी गुंदना की मौत के बाद रविवार को किश्तवाड़ शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, 70 वर्षीय गुंदना एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल के शिक्षक थे और उनका बहुसंख्यक समुदाय के लोगों में काफी प्रभाव था।
उनके परिवार मे पत्नी के अलावा पांच बेटे हैं, जिनमें से एक पाकिस्तान में है और दूसरा उग्रवाद से संबंधित गतिविधियों के आरोप में जेल में
बंद है। उनका तीसरा बेटा शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर है और अन्य दो बेटे कस्बे में व्यवसाय चलाते हैं।
उनकी मृत्यु की खबर जैसे ही जिले में पहुंची, जिले भर से उनके समर्थक सोमवार को अपने नमाज-ए-जनाजा में हिस्सा लेने के लिए किश्तवाड़
शहर पहुंचने लगे।
सूत्रों ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर ने कर्फ्यू को फिर से लागू कर दिया है, लेकिन शहर में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस और
सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
#jamate-e-islamic #karfu #kasmir #jambu 2019-09-16