कश्मीर घाटी में 12वें सप्ताह भी जनजीवन प्रभावित, हुयी हड़ताल
October 21, 2019
श्रीनगर , जम्मू.कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने तथा राज्य को जम्मू.कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले के कारण घाटी में सोमवार को सुबह तीन घंटे की सामान्य गतिविधियों रही। लोगों ने केन्द्र सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन है। जिसके कारण 12वें सप्ताह भी जनजीवन प्रभावित रहा।
एहतियातन घाटी में रेल सेवा और भारत संचार निगम लिमिटेड ;बीएसएनएलद्ध सहित सभी मोबाइल फोन कंपनियों की इंटरनेट सेवा तथा पोस्ट पेड सेवा को फिर से स्थगित कर दिया गया है। घाटी में छात्र स्कूल नहीं गये और सड़कों से सार्वजनिक परिवहन भी नहीं चले। हुर्रियत कांफ्रेंस के मजबूत गढ़ ऐतिहासिक जमिया मस्जिदए हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक इस समय घर में नजरबंद है। जामिया मस्जिद और उसके बाहरी इलाके में कानून.व्यवस्था बनाये रखने के लिए काफी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात है।
घाटी के किसी भी हिस्से में सोमवार को कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध नहीं है। कानून.व्यवस्था बनाये रखने के लिए धारा 144 के तहत पाबंदियां लागू हैं और केंद्रीय अर्द्धसैनिकों बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गयी हैं। कानून. व्यवस्था के मद्देनजर पांच अगस्त से हाई अलर्ट के बाद सुरक्षबलों की तैनात की गयी है।
अधिकांश दुकानदारों ने श्रीनगर में आज सुबह छह बजे से अपनी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर दी और 0930 बजे दुकानदारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिये और अपने घरों को चले गये। शहर में सार्वजनिक परिवहन बंद रहेए विशेषकर सिविल लाइंस और पुराने शहर की सड़कों पर निजी वाहन और तिपहिया वाहनों की भारी संख्या में देखे गये। राज्य परिवहन निगम ;एसआरटी की बसें भी सड़कों से नदारद रहीं।
घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ाए बारामूलाए बांदीपोराए पाट्टनए हंडवाड़ा तथा सोपोर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। दक्षिण कश्मिर में अनंतनागए शोपियांए पुलवामाए पम्पोर तथा कुलगाम में भी जनजीवन प्रभावित होने की सूचना है और इन क्षेत्रों में भी कानून.व्यवस्था बनाये रखने के लिए सुरक्षा बलों के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है। मध्य कश्मीर के बड़गाम तथा गंदरबल जिले में भी इसी तरह की स्थिति है।