नई दिल्ली, 26 दिसंबर को लगभग तीन घंटे सूर्यग्रहण होगा। ग्रहण काल के दौरान कुछ खास सावधानियां रखनी चाहिये।
यह सुबह 8:17 पर शुरू होगा, 9:37 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा और 10:57 पर ग्रहण का मोक्ष होगा।
सूतक बारह घंटे पहले ही 25 दिसम्बर की रात 8:17 पर लग गया है।
ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले और ग्रहण पूरा होने के 12 घंटे के बाद तक का समय ग्रहण सूतक काल कहलाता है।
इस बार सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को है, इसलिए ग्रहण सूतक काल 25 दिसंबर को शुरू हो गया। ग्रहण समाप्त होते ही सूतक खत्म होंगे।
ग्रहण मे इन बातों का खास ध्यान रखिये-
ग्रहण काल में खाना-पिना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए।
हालांकि, आप इस दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि कर सकते हैं।
सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं।
ग्रहण खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान कर के शुद्धिकरण कर लेना चाहिए।
सूतक लगने से पहले ही घर में मौजूद खाने की सभी वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल लेने चाहिए।
यदि आपके घर में मंदिर है तो सूतक लगते ही उसके कपाट बंद कर दें या फिर मंदिर को पर्दे से ढक दें।
मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।
पीने के पानी में धुलकर साफ किए हुए तुलसी के पत्ते और कुछ बूंदें गंगाजल की मिला दें।
गर्भवती महिलाओं को चाकू और कैंची के प्रयोग से बचना चाहिए।
ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में झाड़ू लगाकर गंगाजल का छिड़काव करें।
भगवान के मंदिर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र करें और और धूप-दीप कर उन्हें भोग अवश्य लगाएं और यथाशक्ति दान- दक्षिणा करें।