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किरण बेदी को उप राज्यपाल पद से हटाया गया, मुख्यमंत्री ने किया ये दावा?

नयी दिल्ली, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी को पुड्डुचेरी के उप राज्यपाल पद से हटा दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने  कहा है कि उनके दबाव के कारण किरण बेदी को हटाया गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यालय से जारी वक्तव्य में बताया गया है कि डॉ. बेदी को पुड्डुचेरी के उप राज्यपाल पद से हटा दिया गया है।

वक्तव्य के अनुसार, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन को पुड्डुचेरी के उप राज्यपाल पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालने का निर्देश जारी किया गया है।

सुश्री सुंदरराजन पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल पद के लिए नियमित व्यवस्था होने तक वहां का कार्यभार संभालेंगी।

किरण बेदी को ऐसे समय पद से हटाया गया है जब पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बाकी है।

प्रशासनिक अड़चनों को लेकर पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और किरण बेदी के बीच काफी लंबे समय से विवाद चल रहा था। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने पिछले दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। उन्‍होंने राष्ट्रपति से मिलकर लेफ्टिनेंट गर्वनर किरण बेदी को वापस बुलाने की याचिका सौंपी थी। नारायणसामी ने कहा है कि उनके दबाव के कारण भारत सरकार ने किरण बेदी को पद से हटाया है क्योंकि वह कल्याणकारी योजनाओं को बाधित कर रही थीं।

किरण बेदी को उप-राज्यपाल के पद से हटाए जाने का आदेश तब आया है जब इस केंद्र-शासित प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बहुमत खो दिया है। सत्तारुढ़ कांग्रेस के चार सदस्य पार्टी से इस्तीफ़ा दे चुके हैं जबकि एक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित किया जा चुका है। पार्टी के एक विधायक ने मंगलवार को इस्तीफ़ा दे दिया था जिसके बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सदन में बराबर सदस्य हो गए हैं।

33 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी कुल 28 सदस्य हैं जिसमें दोनों पक्षों के पास अब 14-14 विधायक हैं. इनमें 3 मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं।

कांग्रेस पार्टी के दो सदस्यों ने बीते दो दिनों में इस्तीफ़ा दिया है। पूर्व मंत्री मल्लाडी कृष्ण राव ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था जबकि उनकी तरह ही जॉन कुमार ने मंगलवार को इस्तीफ़ा दे दिया। इससे पहले तीपतन और पूर्व मंत्री ए. नमासिवायम ने इस्तीफ़ा देकर बीजेपी की सदस्यता ले ली थी और कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण धनावेलो को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

फ़िलहाल कांग्रेस के विधानसभा में 10 सदस्य हैं जबकि डीएमके के 3 सदस्य और एक निर्दलीय विधायक का उसे समर्थन प्राप्त है। वहीं, विपक्ष में सात ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के सदस्य, चार एआईएडीएमके के सदस्य और तीन मनोनीत सदस्य हैं जिनमें सभी को आमतौर पर बीजेपी के सदस्य के रूप में देखा जा रहा है।

विपक्ष ने पहले ही मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के इस्तीफ़े की मांग कर दी है लेकिन उन्होंने इनकार करते हुए कहा है कि उनके पास बहुमत है।