लखनऊ, पूरे प्रदेश के 75 जिलों मे स्थित 750 निकायों मे नान स्टाप , 75 घंटों तक स्वच्छता अभियान चलाना आसान कार्य नही है। लेकिन इस कठिन कार्य को नगर विकास विभाग की टीम ने बखूबी अंजाम दिया है।
यूपी में स्वच्छता अभियान प्रतिबद्ध: 75 जिले, 75 घंटे , 750 निकाय’75 घंटों तक प्रदेश के सभी 75 जिलों में चलाया जा रहा है. इसमें 750 नगर निकायों में वह स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां साफ सफाई की खास जरूरत है. सबसे पहले कूड़े -कचरे को इकट्ठा करने के लिए ऐसे संवेदनशील स्थानों (garbage vulnerable points) को चिह्नित किया गया जहां लोग कूड़ा कचरा डालते हैं. इसके बाद उन स्थानों की सफाई शुरू की गई है. इसके लिए ट्रक व जेसीबी से कचरे का निस्तारण कराया जा रहा है.
इस नॉन स्टॉप अभियान के लिए लखनऊ में नगर निकाय के निदेशालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. जिससे लगातार अलग-अलग स्थानों की मॉनिटरिंग की जा रही है. लखनऊ के कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार पहले ही दिन सहारनपुर में कचरे के एक ऐसे डंपिंग पॉइंट का पता चला जहां 50 साल से भी ज्यादा समय से कचरा फेंका जा रहा था. आगे योजना है कि ऐसे स्थानों को बाद में रेहड़ी पटरी वालों (street vendors) को दिया जाए जिससे वो अपना सामान बेच सकें और दोबारा उस स्थान पर कचरा न फेंका जा सके.
हर नगर निकाय में स्वच्झता को लेकर कॉम्पटिशन भी है. किसी स्थान की सफाई से पहले और बाद में जीयो टैगिंग के साथ फोटो निदेशालय को भेजना होगा. यानि स्वच्छता का बेहतर रिजल्ट देने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. पूजा के फूल और अगरबत्ती जैसे चीजों के लिए नदियों के पास ‘अर्पण घड़ा’ रखा जा रहा है. जिससे लोग पूजा के बाद फूल, अगरबत्ती जैसी चीजों को नदी में न फेंके बल्कि उसे अर्पण घड़े में डालें. यूपी को स्वच्छता की दौड़ में आगे ले जाने के लिए जल्दी ही प्रयोग के तौर पर नगर निगम की स्वच्छता चौकी की भी व्यवस्था है.
नगर निकाय की निदेशक नेहा शर्मा के अनुसार पूरी तरह से ये निर्देश दिया गया है कि वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निस्तारण और प्रबंधन कराया जाए. पूरी तरह से उन स्थानों की सफाई के बाद वहां सेल्फी पॉइंट्स भी बनाए जाएंगे. उसके लिए उन स्थानों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.अभियान की 75 घंटों तक लगातार मॉनिटरिंग भी हो रही है.