मुंबई, लॉकडाउन के बीच शेयर बाजार में लगातार दूसरे सप्ताह तेजी रही है और रिजर्व बैंक द्वारा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से किये गये उपायों से अगले सप्ताह भी तेजी की उम्मीद की जा रही है लेकिन छोटे रिटेल निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है।
बीते सप्ताह बीएसई का सेंसेक्स 429.06 अंक उछलकर 31588.72 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 154.85 अंक अर्थात 1.71 प्रतिशत बढ़कर 9266.75 अंक पर रहा। बीएसई का मिडकैप 449.72 अंक चमककर 11824.07 अंक पर रहा। इस दौरान स्मॉलकैप 507.16 अंक उछलकर 10800.91 अंक पर रहा।
वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप्प हो चुकी है। चालू वित्त वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिणात्मक वृद्धि का अनुमान जताया जा रहा है। कोरोना के कारण वर्ष 1930 के बाद की सबसे बड़ी मंदी की आशंका जतायी जा रही है जिससे वैश्विक स्तर पर करोड़ों लोगों के बेरोजगार होने और गरीबी रेखा के नीचे जाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी देश की अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 1.9 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है और कहा गया है कि जी 20 देशों में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला राष्ट्र होगा।
लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों में आयी गिरावट को ध्यान में रखते हुये और बैंकों के पास अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रिवर्ज बैंक ने कई उपाय किये हैं। रिवर्स रेपो दर में एक चौथाई फीसदी की कमी किये जाने से बैंकों के पास अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगें जिससे ऋण उठाव में तेजी आ सकती है। इसके साथ ही एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों और सिडबी पर भी विशेष ध्यान दिये जाने से इन क्षेत्रों को पटरी पर लाने की उम्मीद है। इनसभी को ध्यान में रखते हुये अगले सप्ताह भी इन क्षेत्रों की कंपनियों में तेजी बनी रह सकती है।