नयी दिल्ली , नीति आयोग के सदस्य, (स्वास्थ्य )डॉ. विनोद कुमार पॉल ने आज बताया कि कोरोना की दो स्वदेशी वैक्सीन के दूसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए वालंटियर की भर्ती और अन्य प्रक्रियायें लगभग पूरी हो गयी हैं और इसका परिणाम नवंबर के शुरूआती सप्ताह में आ सकता है।
डॉ़ पॉल ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की वैक्सीन और दवा कंपनी जाइडस कैडिला की वैक्सीन,भारत के दो ऐसे स्वदेशी कोरोना वैक्सीन हैं जिनके दूसरे चरण के मानव परीक्षण की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है और उम्मीद है कि इस परीक्षण का परिणाम नवंबर के शुरुआती सप्ताहों में आ जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही आगे की रणनीति तैयार होगी।
उन्होंने बताया कि तीसरी वैक्सीन ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही है, जिसके लिए पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया भारत में तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रहा है और इसका निर्माण भी कर रहा है। यह परीक्षण 15 से 16 जगह पर हो रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट का यह परीक्षण पूरी दुनिया में इस वैक्सीन के लिए किये जा रहे परीक्षण का हिस्सा है। इसके परीक्षण का परिणाम भी अब तक ठीक है। इसके तीसरे चरण का परिणाम नवंबर के अंतिम सप्ताह में या दिसंबर के पहले सप्ताह में आ सकता है।
उन्होंने बताया कि वैक्सीन के वितरण की तैयारी लगातार चल रही है और जैसे ही वैक्सीन तैयार होगा उसे लोगों तक पहुंचाने में कोई देर नहीं होगी।